चंबा, ( विनोद ): हिमाचल के जिला चंबा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है जिस देखकर हर कोई हैरान परेशान है। यह भ्रष्टाचार का खेल उस मंदिर में खेला गया जिसे विद्या का मंदिर कहा जाता है। इस स्कूल की जरजर हालत को देखकर इस बात का आभास होता है कि भ्रष्टाचार की दीमक सरकारी व्यवस्था को किस कदर चट कर रही है। यह स्कूल हिमाचल का आंकाक्षी जिला चंबा के दूरस्थ क्षेत्र में नहीं बल्कि जिला मुख्यालय चंबा से चंद किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग का यह स्कूल राजकीय प्राथमिक पाठशाला कुम्हारका है। इस स्कूल में एक ऐसा कमरा मौजूद है जिसका निर्माण कार्य बीते 23 वर्ष पहले शुरू हुआ था लेकिन अभी तक यह कार्य अधूरा पड़ा है। चिंता की बात यह है कि इस स्कूल में पढ़ रहे 48 नन्हे-मुन्ने बच्चों पर खतरा बन आया है। कमरे की आधी-अधूरी छत जो कि टीन चदर वाली है जो कभी भी गिर सकती है।
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कमरे का लोहे का दरवाजा पूरी तरह से सड़ चुका है और गिरने की कगार पर है। कमरे के नीचे स्कूल की धरातल मंजिल है जिसमें बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है। इस स्थिति के चलते अगर स्कूल समय में छत की चदरें गिरती है या फिर लोहे का दरवाजा गिरता है तो एक बड़ी अप्रिय घटना घटित होगी। स्कूल प्रबंधन समिति(SMC) ने बताया कि कमरे पर छत डालने के लिए पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना के तहत वर्ष 2015 में 1 लाख 20 हजार रुपए की राशि जारी हुई थी जिसे माध्यम से ग्राम पंचायत उटीप द्वारा छत डाली गई लेकिन इस छत निर्माण कार्य को देखकर काम की आड़ में खेला गया भ्रष्टाचार का सारा खेल समझ में आ जाता है।
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स्कूल प्रबंधन समीति अध्यक्ष कुम्हारका विजय कुमार का कहना है कि जिला प्रशासन व संबन्धित विभाग को इस मामले पर शीघ्र प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटित हो। लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन व संबन्धित इस बात की भी जांच करे कि आखिर किसने व किसके इशारे पर यह भ्रष्टाचार का खेल किया और सरकारी खजाने का लाखों रुपए का चूना लगाया।