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प्री-प्राईमरी शिक्षा पर Himachal government ने बदला पैंतरा

सरकारी शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की साजिश रची जा रही ?

चंबा, ( विनोद ): प्री-प्राईमरी शिक्षा पर Himachal government ने पैंतरा बदला है और अब आऊट सोर्स पर 9 हजार रुपए के वेतन पर अध्यापकों की तैनाती करने जा रही है। सरकार के इस निर्णय से यह आशंका पैदा हो गई है कि कहीं सरकारी शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की साजिश तो नहीं रची जा रही है।

 

हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने चंबा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जहां तक पेंशन की बात है तो हिमाचल के नेता अपनी पेंशन छोड़ने की घोषणा करे तो प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भी अपनी मांगों को त्यागने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के smc अध्यापकों को सरकार ने साल में 10 छुटि्टयां देने की बात कही है लेकिन यह छुट्टियां कब और किस सूरत में होंगी इसका कोई जिक्र नहीं किया गया।

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उन्होंने कहा कि आऊट सोर्स को लेकर सरकार नई नीति अपनाने जा रही है लेकिन नई नीति के तहत अब आऊट सोर्स के सिर पर 10 ठेकेदारों की वजाए 1 ठेकेदार ही पैसा कमाएगा। यानी अब हिमाचल सरकार भी अड़ानी या अंबानी बनाने जा रही है। चौहान ने कहा कि वर्तमान में सरकारी कर्मचारी डरा हुआ जरुर है जिसके चलते वह सामने नहीं आ रहा है लेकिन अंडर करंट जारी है।

 

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प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि पंजाब की तर्ज पर 6ठां वेतन अभी तक नहीं मिला है। डीए का बकाया 7 प्रतिशत कब दिया जाएगा, किस रूप में दिया जाएगा या फिर सरकार देने के मूड में है भी या नहीं इस बात का भी अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है। छठे वेतन आयोग के बकाया एरियर राशि का भुगतान कितनी किस्तों में और कब तक किया जाएगा इस मामले पर भी सरकार खामोश है। चौहान ने कहा कि मैं सरकार के खिलाफ नहीं हूं लेकिन सरकार को आईन दिखाने का काम जरुर करता हूं।

 

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो वह मृदुभाषी व अच्छी छवि के मालिक है। उन्होंने प्रदेश में रिवाज बदलने की बात कही है लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री को लोगों के दिलों पर राज करना होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल का प्रत्येक कर्मचारी मुख्यमंत्री का कर्मचारी है लेकिन उनकी हितों को नजर अंदाज करना हरगिज उचित नहीं है।
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VINOD KUMAR

प्री-प्राईमरी शिक्षा पर Himachal government ने बदला पैंतरा

Update Time : 07:48:03 pm, Monday, 3 October 2022

सरकारी शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की साजिश रची जा रही ?

चंबा, ( विनोद ): प्री-प्राईमरी शिक्षा पर Himachal government ने पैंतरा बदला है और अब आऊट सोर्स पर 9 हजार रुपए के वेतन पर अध्यापकों की तैनाती करने जा रही है। सरकार के इस निर्णय से यह आशंका पैदा हो गई है कि कहीं सरकारी शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की साजिश तो नहीं रची जा रही है।

 

हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने चंबा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जहां तक पेंशन की बात है तो हिमाचल के नेता अपनी पेंशन छोड़ने की घोषणा करे तो प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भी अपनी मांगों को त्यागने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के smc अध्यापकों को सरकार ने साल में 10 छुटि्टयां देने की बात कही है लेकिन यह छुट्टियां कब और किस सूरत में होंगी इसका कोई जिक्र नहीं किया गया।

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उन्होंने कहा कि आऊट सोर्स को लेकर सरकार नई नीति अपनाने जा रही है लेकिन नई नीति के तहत अब आऊट सोर्स के सिर पर 10 ठेकेदारों की वजाए 1 ठेकेदार ही पैसा कमाएगा। यानी अब हिमाचल सरकार भी अड़ानी या अंबानी बनाने जा रही है। चौहान ने कहा कि वर्तमान में सरकारी कर्मचारी डरा हुआ जरुर है जिसके चलते वह सामने नहीं आ रहा है लेकिन अंडर करंट जारी है।

 

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प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि पंजाब की तर्ज पर 6ठां वेतन अभी तक नहीं मिला है। डीए का बकाया 7 प्रतिशत कब दिया जाएगा, किस रूप में दिया जाएगा या फिर सरकार देने के मूड में है भी या नहीं इस बात का भी अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है। छठे वेतन आयोग के बकाया एरियर राशि का भुगतान कितनी किस्तों में और कब तक किया जाएगा इस मामले पर भी सरकार खामोश है। चौहान ने कहा कि मैं सरकार के खिलाफ नहीं हूं लेकिन सरकार को आईन दिखाने का काम जरुर करता हूं।

 

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो वह मृदुभाषी व अच्छी छवि के मालिक है। उन्होंने प्रदेश में रिवाज बदलने की बात कही है लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री को लोगों के दिलों पर राज करना होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल का प्रत्येक कर्मचारी मुख्यमंत्री का कर्मचारी है लेकिन उनकी हितों को नजर अंदाज करना हरगिज उचित नहीं है।