विकास में नहीं लगेगा विराम, जल्द निपटाए ये काम, जिला स्तरीय बैठक में बोले देवगन

चंबा, ( विनोद ): जिला चंबा में लंबित एफसीए मामलों को लेकर उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में चंबा के बचत भवन में जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को वर्ष 2015 से पहले के मामलों का समयबद्ध तौर पर समाधान कर मामले को अनुमति के लिए आगे प्रेषित करने के निर्देश जारी किए।   अधिकारी-कर्मचारी निष्ठा व आपसी समन्यव से कार्य पूर्ण करे-देवगन उन्होंने कहा कि चूंकि विकास परियोजनाएं लोगों की सुविधा के दृष्टिगत तैयार की जाती हैं। ऐसे में सभी अधिकारियों-कर्मचारियों का निष्ठा एवं आपसी समन्वय के साथ जल्द कार्य पूर्ण करने का दायित्व भी बनता है। उन्होंने विभागीय प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर अंतर विभागीय समन्वय आधारित कार्य गतिविधियों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।    भरमौर के एडीएम समीक्षा बैठक आयोजित करे बैठक में विभिन्न विषयों पर समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने स्थानीय स्तर पर वन संरक्षण अधिनियम की अनुमति से संबंधित कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए सभी एसडीएम से आवश्यक कार्यवाही को निर्देशित किया। उन्होंने जनजातीय उपमंडल भरमौर के तहत अनुमति मामलों के शीघ्र समाधान को लेकर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित करने को कहा।   ये भी पढ़ें: जिला चंबा को इस...

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चंबा में परमिशन की आड़ में अवैध कटान,14 लाख की लकड़ी पकड़ी,ro को कारण बताओ नोटिस जारी

सलूणी,( दिनेश ): जिला चंबा में अवैध कटान की भेंट देवदार के 5 पेड़ चढ़ने का मामला सामने आया है। मामले पर DFO चुराह गंभीरता दिखाते हुए संबंधित RO (वन परिक्षेत्र अधिकारी) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभागीय सूत्रों की माने तो जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो उक्त वन अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।   जानकारी के अनुसार यह मामला जिला चंबा के चुराह क्षेत्र के दायरे में आने वाले बिल्ला बीट के गंभीर जंगल से जुड़ा हुआ है। विभाग ने जिस व्यक्ति को अवैध कटान(Illegal felling) का कथित आरोपी पाया है उसने विभाग की जांच में तर्क दिया कि है कि वन विभाग से अनुमति लेकर उसने अपनी निजी भूमि में इन पेड़ों को काटा है। जब विभाग ने इसकी बारीकी से छानबीन की तो वन परिक्षेत्र अधिकारी की तरफ से व्यक्ति को तीन पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी। लेकिन व्यक्ति ने तीन की बजाए पांच देवदार के पेड़ काट डाले।   कटान से पूर्व भूमि की निशानदेही नहीं करवाई यही नहीं जांच में यह भी पाया गया कि जिस स्थान पर पेड़ काटे गए वह भूमि सरकारी है अथवा निजी इस बात को पुख्ता करने के लिए...

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