डल्हौजी विधायक आशा ने CM व स्वास्थ्य मंत्री पर बोला हल्ला

मेडिकल कॉलेज चंबा के लिए 26 डाक्टरों की तैनाती को लेकर जारी आदेशों को लेकर डल्हौजी विधायक आशा कुमारी ने सरकार की इच्छाशक्ति व मंशा को लेकर सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने cm को heath minister यह सीख देने की बात कही।

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पांगी में 20 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत से 6 विभाग एक ही छत के नीचे मिलेंगे

जिला का पहला ऐसा भवन बन रहा जिसमें सेंट्रल हीटिंग सिस्टम सहित लिफ्ट व पार्किंग की सुविधा होगी पांगी, 18 जुलाई (विनोद): भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र के जनजातीय उपमंडल पांगी मुख्यालय किलाड में 20 करोड़ 88 लाख रुपये की लागत से मिनी सचिवालय का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चला हुआ है। जिला चंबा की पांगी घाटी के लोगों को जल्द ही एक ही छत के नीचे सभी सरकारी विभागों की सुविधा मिल जाएगी। इसे भी पढ़ें पुलिस के माथे पर पड़ी चिंता की लकीरें मिटी जिसमें लोगों को आवासीय आयुक्त कार्यालय सहित एसडीएम कार्यालय, तहसील कल्याण, तहसीलदार और नायब तहसीलदार कार्यालय की सुविधा मिलेगी। पांच मंजिला इस मिनी सचिवालय की विशेषता यह है कि इस भवन में सेंट्रल हीटिंग प्रणाली की व्यवस्था की गई है। यही नहीं यह जिला चंबा का इकलौता मिनी सचिवालय होगा। जिसमें लिफ्ट की सुविधा भी मौजूद रहेगी। जिला चंबा में यह अपनी तरह का पहला सरकारी भवन बनने जा रहा है। इन आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था इसलिए की गई है, क्योंकि जिला के इस जनजातीय उपमंडल में सर्दियों के दिनों भारी बर्फबारी होती है। इसे भी पढ़ें लोनिवि ने 2 करोड़ 80 लाख को जुर्माना किया चुराह भाजयुमो ने यह दावा ठोका। ऐसी स्थिति में घाटी में कार्यरत...

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वीरभद्र के बाद कांग्रेस का नया चेहरा कौन?

वीरभद्र के निधन के बाद पार्टी हाईकमान के समक्ष विकट स्थिति बनी चंबा, 9 जुलाई (विनोद): पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के निधन के साथ ही कांग्रेस ने हिमाचल में अपना चेहरा खो दिया है। ऐसे में पार्टी को अब जल्द अपना नया चेहरा घोषित करना होगा। वीरभद्र की मृत्यु के रूप में प्रदेश की राजनीति में जो एक शुन्य की स्थिति पैदा हुई है उनकी भरपाई तो कभी नहीं हो सकती है लेकिन कांग्रेस के समक्ष पार्टी का एक नया चेहरा तलाशने की विकट स्थिति जरुर पैदा हो गई है। वीरभद्र सिंह के निधन के साथ ही अब प्रदेश की चार विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं। जिनके लिए उपचुनाव होंगे तो साथ ही एक संसदीय सीट मंडी पर भी उपचुनाव होने तय है। ऐसे में कांग्रेस के लिए एक साथ कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। इतना जरुर है कि अगर कांग्रेस हाईकमान दूर की सोचे तो ये उपचुनाव उसके द्वारा तलाशें जाने वाले नये चेहरे की लोकप्रियता को जांचने का अवसर हो सकता है।  वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार रस्म प्रक्रिया पूरी होने से पूर्व भले यह बात कुछ लोगों के गले न उतरे लेकिन एक बात तो तय है कि चंद दिनों के बाद प्रत्येक राजनैतिक दल व राजनीति के पंडित इस...

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