चंबा, ( विनोद ): पूर्व BJP सरकार में हिमाचल कर्मचारियों की आवाज को दबाने का प्रयास हुआ। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का तबादला शिमला से 600 किलोमीटर दूर जिला चंबा के चुराह में करना इस बात का प्रमाण रहा। नई सरकार ने सत्ता में आते ही वीरेंद्र चौहान के इस तबादले को रद्द कर उन्हें चांजू से शिमला के समरहिल स्कूल में भेज दिया है। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ जिला चंबा के जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जिला चंबा से शिमला के लिए वीरेंद्र चौहान का तबादला होने के चलते चौहान के सम्मान में विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार इस तरह से राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रस्त होकर कर्मचारियों की प्रताड़ित कर रही थी वीरेंद्र चौहान का तबादला वहां जहां अर्थशास्त्र पढ़ने को कोई भी बच्चा नहीं था।
ये भी पढ़ें: अवैध कटान व कर्मचारियों पर ऐसे लगेगी लगाम।
उन्होंने कहा कि इस तबादला आदेश को लेकर हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ में बेहद रोष था। इस मौके पर संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारियों की आवाज को दबाने का पूर्व सरकार का प्रयास पूरी तरह से असफल रहा। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष चंबा हरिप्रसाद शर्मा ने कहा कि पूर्व सरकार ने कर्मचारियों के प्रति जो रवैया अपनाया था उसी का खामियाजा उसे भुगतना पड़ा है।
ये भी पढ़ें: पवन नैयर ने कांग्रेस विधायक को चुनौती दी।
इस मौके पर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की महिला विग प्रदेश अध्यक्ष डा. कविता बिजलवान ने कहा कि चौहान के शिमला पहुंचने से अब एक बार फिर प्रदेश के अध्यापकों की आवाज सरकार तक प्रभावी ढंग से पहुंचेगी और वीरेंद्र चौहान का पूर्व की भांति जिला चंबा व प्रदेश के अध्यापक वर्ग को सहयोग मिलता रहेगा।