पांगी घाटी: सर्दियों का मौसम आते ही मुसीबतों का दौर शुरू

पांगी, (किशन चंद राणा): सर्दियों का मौसम आते ही पांगी घाटी के लोगों के लिए मुसीबतों का दौर शुरू हो जाता है। नवंबर माह से पांगी घाटी का जिला मुख्यालय के साथ साच पास सीधा सबसे शॉर्टकट मार्ग आवाजाही के लिए बंद हो चुका है।
ऐसे में अब घाटी के लोग किलाड़-गुलाबगढ़ व किलाड़-लाहौल मार्ग का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन रविवार को किलाड़-तिंदी मार्ग के बीच पहाड़ी से चट्टाने गरिने की वजह से तांदी-संसारी मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया। इस कारण अब पांगी घाटी के लोगों को आवाजाही करने के लिए महज एक ही मार्ग किलाड़-गुलाबगढ़ खुला हुआ बचा है।
जानकारी के अनुसार किलाड़ को लाहौल को जोड़ने वाले मार्ग को बीआरओ चौड़ा करने का कार्य करने में जुटा हुआ है। रविवार सुबह को चट्टानों के गिरने की वजह से यह मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए पूरा दिन बंद रहा। इस वजह से एचआरटीसी की बस में मनाली से किलाड़ जाने वाले यात्रियों को मजबूर होकर उदयपुर रूकना पड़ा है।
अब पांगी-लाहौल के बीच फिर से यातायात व्यवस्था के सोमवार को बहाल होने की बात कही जा रही है। बीआरओ की माने तो सड़क चौड़ाई का कार्य युद्धस्तर पर चला हुआ है लेकिन रविवार को बड़ी-बड़ी चट्टानों के गिरने की वजह से इस प्रकार की परेशानी पेश आई है।

उसका कहना है कि सोमवार को ठप्प पड़ी यातायात व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि सोमवार शाम तक ही पांगी-लाहौल मार्ग खुल पाएगा। ऐसे में पांगी के लोगो को भारी मानसिक व आर्थिक परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
गौरतलब है कि सर्दियों के दिनों में पागी घाटी को सड़क सुविधा के साथ जोड़ने वाला सबसे नजदीकी चंबा-किलाड़ वाया साच पास मार्ग बर्फबारी के कारण पूरी तरह से वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो जाता है। ऐसे में चंबा से पांगी की दूरी तय करने के लिए पांगी के लोगों को बेहद लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
सर्दियों में यूं तो सरकार पांगी वासियों के लिए हवाई उड़ान सेवा की व्यवस्था करती है लेकिन इस बार की सर्दियों के मौसम ने भले जल्द दस्तक दे दी है लेकिन अभी तक सरकार ने पांगी घाटी के लोगों के लिए मौजूदा सर्दियों की एक भी हवाई उड़ान नहीं करवाई है।
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