शिमला, (ब्यूरो ): हिमाचल सरकार जिला चम्बा के पांगी में सौर ऊर्जा आधारित बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। इससे पांगी घाटी की विद्युत आपूर्ति का सुदृढ़ीकरण होगा। हिमाचल प्रदेश सचिवालय से सीटीओ शिमला के मध्य भूमिगत विद्युत केबल बिछाने के कार्य पर 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शिमला में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इससे भारी बर्फबारी और प्रतिकूल मौसम में भी शिमला शहर में उपभोक्ताओं को निर्बाध और चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने अधिकारियों को लोगों की सुविधा के लिए राज्य के अन्य भागों में भी विद्युत केबल बिछाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 500 मेगावाट की क्षमता की नई सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
हरित पंचायत बनाने का निर्णय
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पायलट आधार पर प्रदेश के प्रत्येक जिले की दो-दो पंचायतों को हरित पंचायत बनाने का निर्णय लिया है। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा स्थापित विद्युत परियोजनाओं में रायल्टी बढ़ाने का मामला उचित मंच पर उठाया गया है। वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के अधिकारों की मांग विभिन्न मंचों के माध्यम से उठा रही है।
ये भी पढ़ें: चंबा-चुवाड़ी टनल को लेकर कुलदीप पठानिया का बड़ा ब्यान।
बैठक में ये मौजूद रहे
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, अध्यक्ष, हि.प्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग डी.के. शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा राजीव शर्मा और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा बैठक में उपस्थित थे।