हिमाचल की पांगी घाटी के गांव कुलाल पर गिरेगी गाज, सरकार के इस फैसले से लोग नाराज

चंबा, ( विनोद ): हिमाचल के पांगी घाटी का गांव कुलाल डिनोटिफाइ निर्णय से खफा हो गया है। इसकी वजह यह है कि हिमाचल सरकार 2 बच्चों की संख्या वाले जिन 26 माध्यमिक स्कूलों को डिनोटिफाइड किया है उसमें पांगी घाटी का यह स्कूल भी शामिल है। यही वजह है कि सरकार के इस आदेश की वजह से पांगी के गांव कुलाल के लोग खफा हो गए है तो साथ ही वे आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर होने की बात कहने लगे है।

 

जानकारी अनुसार सुक्खू सरकार ने हाल ही में उन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया जिनमें पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 2 है। सरकार के इस नये फैसले के दायरे में जिला चंबा की जनजाति पांगी घाटी का राजकीय माध्यमिक स्कूल कुलाल का नाम शामिल है। यह बात और है कि वर्तमान में इस स्कूल में 17 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जनजातीय सलाहकार परिषद हिमाचल प्रदेश के पूर्व सदस्य कल्याण सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार कुलाल स्कूल को डिनोटिफाइड करने के निर्णय को वापिस नहीं लेता है तो इस गांव के 17 बच्चों के भविष्य पर इसका असर पड़ेगा।

 

उन्होंने बताया कि इस स्कूल के बाद राजकीय माध्यमिक स्कूल मिंधल ही सबसे नजदीकी स्कूल रहेगा जो कि कुलाल से 5 किलोमीटर दूर है। मिंधल व कुलाल के बीच कोई भी परिवहन सेवा भी नहीं है। यही वजह है कि कुलाल गांव के बच्चों को पांचवीं से आगे की शिक्षा प्राप्त करने को हर दिन 10 किलोमीटर पैदल चलना होगा। कल्याण सिंह ठाकुर ने कहा कि पांगी घाटी हिमाचल का सबसे कठिन क्षेत्र है और कुलाल कबाईली क्षेत्र पांगी का सबसे दूरस्थ गांव है।

 

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कुलाल गांववासी सरकार से यह मांग करती है कि शीघ्र राजकीय माध्यमिक स्कूल कुलाल को डिनोटिफाइड करे। उन्होंने कहा कि इन तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अगर सरकार ने अपने इस फैसले को वापिस नहीं लिया तो कुलाल की जनता सड़क पर उतने को मजबूर होगी।

 

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