बंद हुए कुगति के कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट, 145 दिनों के बाद खुलेंगे

145 दिनों के लिए कुगति के कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट बंद हो गए है। अब अगले वर्ष की मकर संक्रांति को मंदिर के कपाट खुलेंगे। इस समयावधि के बीच मंदिर परिसर में किसी को भी प्रवेश करने की अनुमित नहीं होगी।

 

भरमौर,( ठाकुर ): हिमाचल के भरमौर में मौजूद कार्तिक स्वामी मंदिर कुगती के कपाट अगले चार माह के लिए गुरुवार को देव परंपरा का निर्वाह के चलते बंद हो गए हैं। मंदिर पुजारी ने विशेष पूजा अर्चना करने के उपरांत इसे अंजाम दिया। अब इस मंदिर के कपाट अगले वर्ष बैसाखी के पर्व के मौके पर मकर संक्रांति के दिन खुलेंगे।

 

बर्फबारी के बीच कुगती के लोगों ने कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंच कर कार्तिकेय स्वामी की पूजा अर्चना के साथ मंगल मनोकामना की। मन्दिर पुजारी मचला राम शर्मा, दीपक शर्मा तथा सुंदर शर्मा व स्वरूप शर्मा ने मंदिर के कपाट बंद होने और इससे जुड़ी परंपरा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अब इस मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान या कार्यक्रम को अंजाम देना वर्जित रहेगा। 

 

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अगले चार माह तक यह कार्यक्रम नहीं होंगे

अगले चार माह के लिए इस मंदिर में हवन,पूजा पाठ,जागरण जैसे धार्मिक कार्य आयोजित नहीं होगा।मंदिर के भीतर प्रवेश करना भी वर्जित रहेगा। हर वर्ष के 30 नवंबर को इस मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं। स्थानीय भाषा में इसे अंद्रोल कहा जाता है।

 

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इससे यह मान्यता भी जुटी हुई

इसके साथ यह भी जुड़ामंदिर के कपाट बंद करने से पूर्व मंदिर के भीतर पानी भर कर गढ़वी रखी जाती है। ऐसा माना जाता है कि बैसाखी की संक्रांति के दिन अगर यह पानी की गडवी भरी हुई मिली तो पूरी तो इलाके में सुख समृद्धि व हरियाली रहेगी। आधी मिली तो सूखा व दूसरी प्राकृतिक आपदाओं के आने की आशंका मानी जाती है।

 

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