चंबा, ( विनोद ): हिमाचल ने शिक्षा के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाई हो लेकिन जिला चंबा में बच्चों को अभी भी शिक्षा पाने को हर दिन मौत की खाई (gulf of death) पार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हिमाचल के एकलौते आकांक्षी जिला चंबा के चुराह विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गढ़फरी के 7 गांवों के बच्चों को पांचवीं से आगे पढ़ने को हर दिन मौत की खाई पार करनी पड़ती है।
ग्राम पंचायत गढ़फरी के सात गांवों के बच्चों को प्राइमरी(primary) से आगे की शिक्षा(Education) पाने सबसे नजदीक 3 किलोमीटर की दूरी पर थल्ली पंचायत में मौजूद वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल थल्ली तक पहुंचने के लिए पंगोला नाला पार करना पड़ता है। यह नाला चुराह घाटी(Churah Valley) के सबसे खतरनाक(Dangerous) बरसाती नालों में शुमार है। गढ़फरी, बंजबाड, बलेड़ा, खगुडा, ततेआ, छछडोठ व बधोड़ गांव के नन्हें बच्चों को हर दिन इसे पैदल पार करना पड़ता है।
हालांकि गढ़फरी पंचायत के नकरोड़ में वरिष्ठ माध्यमिक(senior secondary) स्कूल है लेकिन वह इन गांवों से 10 किलोमीटर दूरी है। नकरोड़-गढ़फरी के बीच कोई भी बस सेवा भी नहीं है। ग्रामीणों की माने तो उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजते समय हर दिन उनकी सकुशल वापसी का भय बना रहता है। सोमवार को जब यह बच्चे अपने स्कूल से छुट्टी कर वापिस घर को लौट रहे थे तो पंगोला नाला का अचानक जलस्तर बढ़ गया।
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नाला पार करने जा रहें ये बच्चें घबरा गए और उन्होंने चिल्लाना शुरू किया। उनकी आवाजे सुनकर पास में मौजूद लोग वहां पहुंचे और उन्होंने बच्चों को पीठ पर उठाकर नाला पार करवाया। लोगों का कहना है कि अगर नाले का जलस्तर(water level) चंद मिनट बाद बढ़ता तो कई घरों के चिराग बुझ जाते। लोगों ने हिमाचल सरकार(Government) से मांग की है कि गडफरी के प्राथमिक स्कूल का दर्जा बढ़ा कर उसे माध्यमिक किया जाए ताकि उनके बच्चों को अपना भविष्य सवारने के लिए अपनी जान दाव पर न लगानी पड़े।