गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर-CM सुक्खू

Shimla News ( ब्यूरो ):  अगले 4 वर्षों में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाई जाएगी इसके लिए वर्तमान प्रदेश सरकार कई कदम उठा रही है। वर्तमान सरकार को करोड़ों का कर्जा विरासत में मिला है लेकिन प्रदेश सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और प्रदेश के वित्तीय संसाधन बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। हिमाचल मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में यह बात कही।

 

बैंक के नये लॉगो का अनावरण किया

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (एचपीएससीबी) द्वारा रविवार को आयोजित स्पार्क-2023 कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के नए चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया। इसके अलावा उन्होंने बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा एकेडमी फॉर एग्रीकल्चर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट फॉर ग्रोथ एंड एम्पावरमेंट (एग्री एज) और नई वेबसाइट का शुभारंभ किया।

 

भूमि खरीदने को प्राथमिकता पर अनुमति मिलेगी

उन्होंने कहा कि बैंक डिजिटल तकनीकयुक्त होने चाहिए और उपभोक्ताओं को आधुनिक तकनीक का उपयोग कर बैंकिंग सुविधा प्रदान की जानी चााहिए। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली विस्तार के लिए छह महीने के भीतर सुधारों को लागू किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सहकारी बैंकों को भूमि खरीदने के लिए प्राथमिकता के आधार पर हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू-सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत अनुमतियां दी जाएंगी।
Hope हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सुक्खू का बड़ा ब्यान

हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री को चैक भेंट करते।

उच्च शिक्षा को 20 लाख तक ऋण 1 प्रतिशत ब्याज पर

cm हिमाचल ने कहा कि राज्य सरकार निर्धन परिवार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 20 लाख रुपए तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज की दर से उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है ताकि संसाधनों के अभाव में कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे। इसके साथ ही भविष्य में टैक्सी संचालकों को ई-टैक्सी चलाने के लिए परमिट जारी किए जाएंगे। राज्य सरकार ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान देगी।

 

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प्रदेश को महज 12 प्रतिशत बिजली मिल रही

उन्होंने कहा कि राज्य में 12000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है लेकिन हिमाचल प्रदेश को राज्य के हिस्से के रूप में केवल 12 प्रतिशत बिजली मिल रही है, जो राज्य के लोगों के साथ अन्याय है। पे-बैक अवधि पूरी कर चुकी जलविद्युत परियोजनाओं में रायल्टी बढ़ाने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया गया है। निश्चित अवधि समाप्त होने के बाद केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा बनाई गई पनबिजली परियोजनाएं हिमाचल को वापस मिलनी चाहिए।

 

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ये रहे मौजूद

इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक नंद लाल, हरीश जनारथा, कुलदीप सिंह राठौर, अजय सोलंकी, चंद्रशेखर, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी और नवाचार) गोकुल बुटेल, जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष संजय चौहान, सचिव कृषि राकेश कंवर भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित उपस्थित थे।

 

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