हिमाचल की सुक्खू सरकार ने शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरियों का पिटारा खोला, 5291 पद भरे जाएंगे

Shimla News: हिमाचल मंत्रिमंडल ने अध्यापक भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले के अनुसार हिमाचल प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 5291 अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने की कैबिनेट मंजूरी मिल गई। बुधवार को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हिमाचल कैबिनेट की बैठक में इस भर्ती प्रक्रिया को मंजूरी दी गई।

 

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े अध्यापकों के विभिन्न पदों के चलते गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने तथा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। सरकार ने जिन अध्यापकों के पदों को भरने का फैसला लिया है उसमें टीजीटी सहित अन्य श्रेणियों के अध्यापकों के पद शामिल है। लंबे समय से बेरोजगार प्रशिक्षु अध्यापक वर्ग को इस भर्ती प्रक्रिया का इंतजार था जो अब समाप्त होने वाला है।

 

जिन रिक्त पदों को भरने की मंजूरी भी मंत्रिमंडल ने दे दी है उसमे टीजीटी (कला) के 1070 पद, टीजीटी (नॉन-मेडिकल) के 776 पद, टीजीटी (मेडिकल) के  430 पद,शास्त्री के 494 पद और जेबीटी शिक्षकों के 2521 पद शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया।

 

प्रथम चरण में 13 स्थानों की पहचान की गई है और इनमें जल्द ही निर्माण गतिविधियां आरंभ की जाएंगी। इन स्कूलों में हाई-टेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान इत्यादि आधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके अलावा, प्री-प्राइमरी और प्राइमरी विंग के बच्चों को डे-बोर्डिंग के दौरान खेलने के लिए खुला क्षेत्र उपलब्ध करवाया जाएगा।

 

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हिमाचल की सत्ता में लौटे कांग्रेस पार्टी को अभी महज 5 माह होने को है और इतनी कम अवधि में इतनी अधिक संख्या में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने का फैसला निसंदेह सराहनीय है। कैबिनेट का निर्णय निसंदेह उन अभिभावकों के लिए भी बेहद राहत पहुंचाने वाला है जिन्हें बच्चें सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहें है।

 

Wow:हिमाचल मंत्रिमंडल में 5291 अध्यापक भर्ती करने काे मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते मुख्यमंत्री

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हिमाचल के हजारों ऐसे सरकारी स्कूल हैं जहां अध्यापकों की संख्या बच्चों की संख्या के मुकाबले बेहद कम है। कुछ स्कूल तो इकलौते अध्यापकों के सहारे चले हुए हैं तो कुछ स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था डेप्यूटेशन व्यवस्था पर आश्रित हो कर रह गई है। ऐसी स्थिति में हिमाचल में बड़े पैमाने पर अध्यापकों की भर्ती करने का फैसला निसंदेह सराहनीय व स्वागत योग्य है।

 

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