जिला चंबा के शिक्षा खंड सलूणी में एक ऐसा स्कूल है जहां बीते चार माह से एक भी नियमित अध्यापक नहीं है। यहां की शिक्षा की गाड़ी को काम चलाऊ नीति के सहारे हांका जा रहा। बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि आखिर कब तक सरकार काम चलाऊ नीति के सहारे इस स्कूल के बच्चों को शिक्षा देती रहेगी।
सलूणी, ( दिनेश ): हिमाचल को सबसे अधिक बार शिक्षा मंत्री देने वाले जिला चंबा में नियमित अध्यापकों की कमी से जिला चंबा के कई स्कूल जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को कैसे बेहतर कहा जा सकता है। जिला चंबा की शिक्षा व्यवस्था इस कदर चरमराई हुई है कि यहां के कई स्कूल नियमित अध्यापकों को तरस रहे हैं।
ऐसे स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से काम चलाऊ नीति पर हांकी जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा खंड सलूणी के दायरे में आने वाले प्राथमिक स्कूल लोहाणी में बीते चार माह से एक भी नियमित अध्यापक कार्यरत नहीं है। शिक्षा व्यवस्था को काम चलाऊ नीति के तहत चलाने के लिए दूसरे स्कूल से अस्थाई तौर पर एक अध्यापक को तैनात किया गया है।
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यूं तो अगस्त माह तक इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे 16 बच्चों के लिए दो अध्यापक कार्यरत थे लेकिन उसमें एक की सेवानिवृित हो गई तो दूसरा पदोन्नत होकर दूसरे स्कूल चला गया। इसके बाद इस स्कूल को अब तक नियमित अध्यापक नसीब नहीं हुआ है।
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खरल पंचायत उपप्रधान रवि शर्मा का कहना है कि नियमित अध्यापक की तैनाती नहीं होने से यहां की शिक्षा व्यवस्था काम चलाऊ नीति पर आधारित है। सरकार से यह आग्रह है कि शीघ्र इस स्कूल में नियमित अध्यापक की तैनाती की जाए।