चंबा, ( विनोद ): हिमाचल पुलिस के विशेष अन्वेषण यूनिट निष्क्रिय कर दिए हैं। इन यूनिटों में कार्य करने के वाले पुलिस कर्मियों को अपनी तैनाती वाले स्थलों पर जाने के आदेश जारी हुए है जिसके चलते उक्त एसआईयू के सदस्यों ने अपने-अपने स्थानों पर ज्वाइन कर लिया है। 30 अगस्त को हिमाचल पुलिस मुख्यालय शिमला से डीजीपी आदेश जारी हुए जिन्हें 1 सितंबर को अमलीजामा पहना गया। यही वजह है कि हिमाचल में नशे का कारोबार करने वालों के डरे सहने चहरे इन दिनों खिले हुए है।
जारी आदेश में यह साफ लिखा है कि 1 सितंबर से एसआईयू सैल (siu) में सक्रिय सभी पुलिसकर्मी अपने पूर्व के डयूटी स्थलों पर कार्य करेंगे जो जनरल ड्यूटी देंगे। आदेश में सभी एसपी को यह भी निर्देश किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में नये सिरे से एसआईयू सेल गठित करने की नई योजना के साथ इसमें शामिल किए जाने वाले विशेषज्ञ व योग्य पुलिस कर्मियों की प्रपोजल भेजे। हिमाचल पुलिस ने भले नई सोच के साथ यह कदम उठाया है लेकिन यह आदेश पुलिस विभाग व लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए है।
क्या कहते हैं लोग
लोगों का कहना है कि हैरानी की बात है कि अभी तक नये यूनिट गठित किए नहीं है और पहले से सक्रिय एसआईयू को भंग करना क्या उचित है? क्या ऐसी स्थिति में हिमाचल सरकार द्वारा नशे के खिलाफ विशेष अभियान छेड़ने का दावा कमजोर नहीं पड़ जाएगा? यह बात और है कि हिमाचल की पुलिस चौकियों व थानों में तैनात पुलिसकर्मी भी नशे के खिलाफ सतर्कता बनाए रखते हैं लेकिन अगर आंकड़ों की बात करे तो नशे के मामलों को लेकर कही हिमाचल के एसआईयू सैल अपने जिला के थानों व चौकियों पर भारी पड़ते नजर आते है। ऐसे में हिमाचल पुलिस का यह नया आदेश लोगों को कुछ जच नहीं रहा है। लोगों का कहना है इस आदेश ने सक्रिय एसआईयू सेल की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने का कार्य किया है।
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क्या कहते है डीजीपी हिमाचल
पुराने एसआईयू सैल के स्थान पर नये 15 सितंबर तक गठित किए जाएंगे। नशा तस्करी एक संवेदनशील मामला रहता है इसलिए एसआईयू सैल में बदलाव होना चाहिए। जहां तक नये सैल गठित होने तक की बात है तो प्रदेश में सभी पुलिस थाने व चौकियों में तैनात प्रत्येक पुलिस अपनी जिम्मेवारी का बखूबी निर्वाह करता है।
संजय कुंडू डीजीपी हिमाचल प्रदेश