चंबा की आवाज: हिमाचल की पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी वर्ष में 623.40 करोड़ रुपए बिना बजट प्रावधान के खर्च किए। शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को सदन में जो नियंत्रक महालेखा परीक्षक कैग की रिपोर्ट पेश की उससे यह खुलासा हुआ। कैग की रिपोर्ट में हिमाचल सरकार के वित्त प्रबंधन पर कई गंभीर सवाल खड़े किए गए है।
रिपोर्ट में बगैर बजट खर्च की गई राशि को वित्तीय अनियमितता बताया और सरकार को भविष्य में सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन कानू के प्रावधानों का पालन करने की सलाह दी है। ऐसा नहीं करने से राज्य का राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष में 4.98 प्रतिशत से बढ़कर 5.84 फीसदी होने का अनुमान है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने 7.87 रुपए के खर्च के प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए। इसलिए कैग ने इसे सस्पेंस अकाउंग में रखा है। कैग के अनुसार ज्यादातर विभागों ने विभिन्न योजनाओं का बजट खर्च करने के बाद उसके यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट ही जमा नहीं कराए। 4752 करोड़ रुपए से ज्यादा के काम के सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर केंद्र सरकार ने संबन्धित विभागों को बार-बार सर्टिफिकेट देने को लिखा, बावजूद इसके विभागों ने 2359.15 करोड़ रुपए के 1796 काम के प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाए।
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