15 कार्यों में 4 कामों को रद्द करने की प्रक्रिया को अंजाम देने में जुटा विभाग
चंबा, ( विनोद ): भरमौर के ठेकेदारों पर बड़ी कार्यवाही करते हुए विभाग ने 4 करोड़ का जुर्माना किया है जिसके चलते ठेकेदारों में हडकंप मचा है। लोनिवि ने 4 करोड़ 58 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है तो साथ ही चार कार्यों को रद्द करने की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाया है। लोक निर्माण मंडल भरमौर ने यह कार्यवाही 15 ऐसे कार्यों को लेकर की है।
इसके अलावा विभाग उन चार आबंटित कार्यों को रद्द करने की प्रक्रियां को अंजाम देने की दिशा में आगे बढ़ चुका है जिन्हें बार-बार कहने के बावजूद संबन्धित ठेकेदार निर्धारित समय में पूरा नहीं कर पाए है। जिला चंबा के लोक निर्माण मंडल भरमौर ने यह कड़ा रुख दिखाया है। लोक निर्माण मंडल भरमौर के अधिशासी अभियंता की माने तो शेष बचे हुए कार्यों को भी अगर संबन्धित ठेकेदारों ने अगले तीन माह में पूरा नहीं किया तो उन कार्यों को भी रद्द करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
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ये है उक्त कार्य व जुर्माना राशि
जानकारी के अनुसार इस सूची में बकाणी-धरवेटा सड़क निर्माण कार्य को कछुआ गति से अंजाम देने वाले ठेकेदार युद्धवीर को 44 लाख, गैहरा-मंधारा सड़क निर्माण के ठेकेदार युद्धवीर को 19 लाख 99 हजार, की-गला से कुठेड़ सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार देसराज को 2 लाख 14 हजार, सरेई नाला कार्य पर देसराज को 5 लाख 48 हजार, मैहला-भगियार पर 68 मीटर लंबे पुल निर्माण कार्य पर 17 लाख 46 हजार, खड़ामुख-न्याग्रा सड़क निर्माण ठेकेदार आर. के.महाजन को 51 लाख 12 हजार, दुनाली-सदूण मार्ग 4 लाख 2 हजार, लूणा-छतराड़ी मार्ग 5 लाख 28 हजार, पिल्ली-सवाई मार्ग निर्माण कार्य के लिए सुधिष्ठ कलकत्ता की कंपनी को 17 लाख 92 हजार, कोड़ला-अंदरेड सड़क निर्माण 14 लाख 60 हजार, कोड़ला-अंदरेड़ मार्ग पुल निर्माण 67 लाख 62 हजार, चोली-क्वारसी सड़क निर्माण 67 लाख, राख-धुनारा सड़क निर्माण 49 लाख 59 हजार, चूडी-वकल सड़क निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार को 92 लाख का जुर्माना किया है।
क्या कहते है लोनिवि मंडल भरमौर के अधिशासी अभियंता
लोनिवि मंडल भरमौर के अधिशासी अभियंता ई. संजीव महाजन का कहना है कि विकास कार्यों को लेकर किसी भी प्रकार की लेटलतीफी सहन नहीं होगी। भरमौर जिला का जनजातीय क्षेत्र में है। ऐसे में यहां विकास कार्यों को लेकर सरकार गंभीर है लेकिन कुछ ठेकेदार अपने कार्यों
को अंजाम देने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाते है। यही वजह है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए विभाग ने विभागिय नियमों के तहत यह कार्यवाही अमल में लाई है।