हिमाचल में कटेंगे खैर के पेड़,सुप्रीम कोर्ट ने अनुमित दी,10 वन मंडलों की कार्य योजना तैयार-सुक्खू

Shimla News: हिमाचल में खैर के पेड़ कटान की सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार ने अदालत में मामले की पैरवी की थी और अदालत ने वन विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया है।

 

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ सहित पांच वन मंडलों में इन पेड़ों की कटाई के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है और इन वन मंडलों में प्रति वर्ष 16500 पेड़ निर्धारित किए गए हैं और जल्द ही खैर की निकासी शुरू हो जाएगी।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष पांच वन मंडलों नाहन, पांवटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी वनों का निरीक्षण करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे और इन पांचों वन मंडलों के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए खैर के पेड़ों की गिनती की जाएगी।

 

ये भी पढ़ें: विक्रमादित्य का डल्हौजी दौरा रद्द,यह है कारण।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि खैर के पेड़ों की सिल्वीकल्चर कटाई वन प्रबंधन और कायाकल्प के लिए बेहतर है, साथ ही राज्य के खजाने के लिए राजस्व सृजन भी है। उन्होंने कहा कि समय से लकड़ी का निष्कर्षण नहीं होने के कारण अधिकांश खैर के पेड़ सड़ रहे हैं और यह बेहतर वन प्रबंधन की दिशा में एक बड़ी बाधा है।

 

ये भी पढ़ें: HRTC चालकों व परिचालकों की यह मांग हुई पूरी।

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में प्रयोग के आधार पर खैर के पेड़ों की कटाई के परिणामों को जानने के लिए खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि अब सर्वोच्च न्यायालय वन विभाग की राय से सहमत था क्योंकि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने अपने निष्कर्ष न्यायालय को सौंपे थे और उसने खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति दी थी।

 

ये भी पढ़ें: चंबा के बेरोजगारों को नौकरी पाने का मौका।