Political activities Chamba : लोकसभा चुनाव घोषित होने के बाद से जिला चंबा में राजनीतिक गतिविधियां पूरी तरह से ठंडी पड़ गई है। कांग्रेस व भाजपा के स्थानीय नेता मानों छुट्टी पर चले गए हैं। यह बात अलग है कि चंद दिनों बाद ये दर-दर वोट मांगते नजर आएंगे।
चंबा ( विनोद ): जब से लोकसभा चुनाव घोषित हुए तब से स्थानीय नेताओं की स्थिति परीक्षा देने से पहले छुट्टियां पड़ने वाली स्थिति बनी हुई है। यही वजह है कि चुनावी महासंग्राम(battle) में भी जिला चंबा की राजनीति पूरी तरह से ठंडी पड़ी है।
ऐसा नहीं है कि जिला चंबा में मौजूद जनसमस्याएं(problems) पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है और जिला चंबा के सत्ताधारी व विपक्ष के नेता इस खुशी में छुट्टी मना रहें है। यही वजह है कि चुनाव से पहले जो राजनीति गर्माई हुई थी अब वह ठंडी नजर आ रही है।
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सच्चाई यह है कि जनसमस्याओं को लेकर कब किसने सोचा है। हर कोई तो बस राजनीति करने तक ही सीमित है। खैर पार्टी कार्यकर्ताओं की माने तो लोकसभा(Lok Sabha) चुनाव घोषित होने के साथ ही कुछ नेताओं ने अपनी गतिविधियों पर ब्रेक लगा दी है क्योंकि विधानसभा चुनाव में हुए कड़वे अनुभव का हिसाब चुकता करने के लिए स्वर्ण(golden) अवसर(opportunity) मान रहे।
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कुछ नेता इसे दूसरों की सिरदर्दी मान रहें है जिस वजह से खुद को तमाशबीन बनाए रखना समझदारी मान रहे हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो सत्ताधारी खुद को शक्तिहीन मान कर जनता से दूरी बनाए हुए हैं तो विपक्ष चुनावी रण में उतरने से पहले खुद को मानसिक व शारीरिक विश्राम देना चाहते हैं। कुछ नेता पार्टी(party) प्रत्याशी के जिला चंबा में चुनावी दौरे पर आने का इंतजार करना ही बेहतर मान रहे हैं। कुल मिलाकर गर्मी का पारा भले चढ़ रहा है लेकिन जिला चंबा में चुनावी राजनीति(Politics) पूरी तरह से ठंडी पड़ी हुई है।
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