चंबा, ( विनोद ): चंबा में रिश्वत लेते धरा अधिकारी जेल या बेल पाएगा इसका फैसला सोमवार को होगा, क्योंकि सोमवार को आरोपी की जमानत याचिका पर चंबा की अदालत में सुनवाई होगी। रिश्वत आरोपी को जमानत न मिले इसके लिए विजिलेंस ने भी याचिका के खिलाफ जवाब दायर कर दिया है।
विजिलेंस ( vigilance ) विभाग की माने तो वह चाहता है कि जब तक उसकी जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक आरोपी को जमानत न मिले। विजिलेंस विभाग ने अपनी जांच प्रक्रिया को तेज कर दिया है और इसी के चलते आरोपी को खिलाफ जांच का शिकंजा कस दिया है। अब विजिलेंस विभाग यह पता लगाने में जुट गई है कि आरोपी ने अब तक कुल कितनी संपत्ति जमा कर ली है।
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इस बात का पता लगाने के लिए विजिलेंस आरोपी प्रमोद की चल-अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों सहित जानकारी हासिल करने में जुट गया है। दस्तावेजों में आरोपी का आयकर रिटर्न भी शामिल रहेगी जिसके साथ विजिलेंस विभाग जुटाई गई संपत्ति का मिलान करेगा।
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आरोपी की नौकरी की बात करे तो अभी तक करीब 1 वर्ष की नौकरी शेष थी लेकिन अब चूंकि वह रिश्वत आरोप में गिरफ्तार हुआ है तो उसकी शेष नौकरी पर भी तलवार लटक गई है। यही नहीं जब तक यह मामला अदालत में चलेगा तब तक आरोपी को उसकी सरकारी नौकरी से मिलने वाले आर्थिक लाभ से भी वंचित रहना पड़ेगा।
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क्या है मामला
गौरतलब है कि विजिलेंस चंबा के पास पुखरी उप तहसील के नायब तहसीलदार प्रमोद द्वारा भूमि म्युटेशन के बदले 8 हजार रुपए की रिश्वत मांगने की शिकायत पहुंची थी। उसने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर रिश्वत आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया 14 फरवरी को उसे कामयाबी हासिल हुई।
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3 दिन पुलिस रिमांड पर रहा आरोपी
रंगे हाथों धरा गया आरोपी नायब तहसीलदार को पुलिस ने 15 फरवरी को अदालत में पेश किया। अदालत ने पुलिस के आग्रह पर आरोपी को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा। पुलिस रिमांड अवधि पूरा होने के पश्चात अदालत ने आरोपी को 27 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सोमवार को यह न्यायिक हिरासत की अवधि के पूरा होने के चलते एक बार फिर से आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा।