चंबा, ( विनोद ): मनोहर हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नये खुलासे हो रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार मनोहर हत्याकांड के आरोपियों के डाकघर में भी बचत खाते हैं। इन खातों व बैंक खातों को जोड़ कर अब तक पुलिस के पास आरोपियों के नाम 17 लाख रुपए की राशि होने की जानकारी पुलिस को मिल चुकी है।
पुलिस इस बात का भी पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर आरोपियों के नाम इतनी बड़ी राशि जमा होने का स्त्रोत क्या है और आय का साधन क्या है। पुलिस इस बात का भी पता लगाने में जुटी हुई है कि यह धनराशि कहां से आई और आरोपियों ने अब तक बैंक के माध्यम से किसके साथ लेनदेन किया है। पुलिस की इस जांच प्रक्रिया से यह पता चलता है कि पुलिस इस मर्डर केस से जुड़े दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए अपनी जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में जुटी हुई है।
करोड़ों की राशि होने का लगा है आरोप
गौरतलब है कि भांदल हत्याकांड के सामने आने के बाद प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष व विपक्ष ने हत्या आरोपियों के पास करोड़ों रुपए होने का आरोप लगाते हुए इस मामले की तह तक जाने व आय के स्रोतों की जांच करने की मांग की थी। पुलिस इस बात को ध्यान में रखते हुए आरोपियों के बैंक व पोस्ट डिपार्टमेंट के खातों का पता लगाने व उन्हें खंगालने में जुटी हुई है।
ये भी पढ़ें: फिर सिसकी पांगी घाटी।
इससे पूर्व पुलिस को हत्या मामले के मुख्य आरोपी व अन्य आरोपियों के बैंक खातों में बचत व एफडी के रूप में जमा 10 लाख रुपए होने की जानकारी प्राप्त हुई थी। अब डाक विभाग के खातों से मिली धनराशि को मिलाकर अब तक पुलिस आरोपियों के खातों में 17 लाख रुपए होने की जानकारी जुटाने में सफल हो चुकी है।
ये भी पढ़ें: हसते-खेलते परिवार की पल में छीनी खुशिया।
सरकारी भूमि से कब्जा हटाने की प्रक्रिया को दिया अंजाम
मामले के मुख्य आरोपी पर विपक्ष ने कई बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने का आरोप जड़ा था। जिस पर भू-राजस्व विभाग व वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने वन्य प्राणी संरक्षण अभ्यारण्य भांदल में कार्यवाही को अंजाम देते हुए वाइल्ड लाइफ सेंचुरी गमगुल-सियाबेही में दबिश देकर 3 बीघा सरकारी भूमि पर उगाई गई फसल को नष्ट किया था तो साथ ही करीब 15 बीघा सरकारी भूमि पर की गई बाड़बंदी को हटा कर अवैध कब्जा समाप्त किया था।