मंडी संसदीय उपचुनाव की राजनैतिक सरगर्मियां अभी तक ठंडी

मंडी संसदीय उपचुनाव की घोषणा के 6 दिन बाद भी भाजपा का प्रत्याशी घोषित नहीं

चंबा, 4 अक्तूबर (विनोद): मंडी संसदीय सीट के उपचुनाव की घोषणा हुए करीब एक सप्ताह होने को है लेकिन अभी तक राजनीतिक माहौल ठंडा पड़ा हुआ है। इसकी मुख्य वजह यह है कि अभी तक इस उपचुनाव के लिए मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी नहीं हुई है। भाजपा इस उपचुनाव को सरकार की साख के साथ जोड़ कर देख रही है तो कांग्रेस इस उपचुनाव के माध्यम से एक बार फिर से सत्ता में वापसी के अपने सपने काे साकार करने का आधार बनाना चाहती है।

कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया, भाजपा के प्रत्याशी का इंतजार

इतना जरूर है कि इस दिशा में कांग्रेस ने पहल करते हुए अपनी पूर्व की प्रत्याशी को ही इस बार भी अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी। भाजपा अभी तक प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं कर पाई है। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि भाजपा अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पूर्व इस चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देख रही है।

मंडी संसदीय उपचुना

                      मंडी संसदीय उपचुनाव

भाजपा ऐसा इसलिए सोच रही है क्योंकि मंडी संसदीय क्षेत्र देश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है तो साथ ही इसके दायरे में प्रदेश के 12 में से 6 जिले शामिल है।  के दायरे में प्रदेश के 18 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं जिस वजह से यह चुनाव भाजपा की शाख के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत बेहद महत्वपूर्ण है

इन विधानसभा सभा क्षेत्रों की बात करे तो इसमें जिला चंबा का भरमौर-पांगी, लाहौल का लाहौल-स्पीति, कुल्लू का कुल्लू, मनाली,बंजार, आनी तो मंडी जिला का करसोग, सुंदरनगर, नाचन, सिराज, दरंग, जोगिंद्रनगर,धर्मपुर, मंडी,बल्ह, सरखट, शिमला का रामपुर के अलावा किन्नौर शामिल है। इस संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को अब भाजपा के प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने का इंतजार है क्योंकि इसके बाद ही सही मायने में राजनीतिक सरगर्मियां जोर पकडेंगी। 

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