Chamba News : जिला चंबा में वन विभाग कशमल बचाने में नाकाम, हजारों हैक्टयेर वन भूमि बर्बाद

HP Forest Department failed

HP Forest Department failed : जिला चंबा के जंगलों में अवैध रूप से कशमल उखाड़ने का काम जोरों से चला हुआ लेकिन वन विभाग आंखें मूंदे बैठा है। हैरान करने वाली बात है कि करोड़ों रुपए की कशमल जिला चंबा से बाहर जा चुका है लेकिन विभाग इस अवैध कारोबार पर लगाम कसने में नाकाम नजर आ रहा।

चंबा, ( विनोद ): जिला चंबा जड़ी-बूटियों से भरा पड़ा है जिस पर अवैध रूप से जड़ी-बूटी(Herb) उखाड़ने वालों की नजरें गढ़ी हुई हैं। हैरान करने वाली बात है कि बीते कई महीनों से जिला चंबा में चुराह के जंगलों से कशमल को उखाड़ने का काम चला हुआ है लेकिन वन विभाग मूक दर्शक बना है।

वन विभाग की मानें तो स्थानीय लोग इस काम को अपने निजी भूमि पर अंजाम दे रहे हैं लेकिन इस बात को वास्तविकता के साथ कोई नाता नहीं है। हैरान करने वाली बात है कि चुराह से सैकड़ों ट्रक कशमल(Kashmal) लेकर बाहरी राज्यों को निकल चुके हैं लेकिन अभी भी यह काम जारी है।

ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिरी चुराह में निजी भूमि पर लोगों ने कशमल की खेती(Kashmal cultivation) कब की। अफसोसजनक बात यह है कि वन विभाग के हजारों हैक्टेयर जंगल कश्मल विहीन कर दिया गया लेकिन विभाग यही रट लगा रहा कि यह कार्य निजी भूमि पर चला हुआ है। वन सर्कल चंबा के सीसीएफ(ccf) ने कुछ वन अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर चंद माह पूर्व जब इसके खिलाफ मोर्चा खोला तो कशमल को अवैध(illegal) रूप से उखाड़ने की बात सामने आई, परंतु इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया।

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वन विभाग की ओर से ठेकेदारों को कशमल की जड़ निकालने को 27 मार्च तक का समय दिया था। बावजूद इसके कशमल की जड़ें(Kashmal roots) निकालने का दौर जारी है। हैरान करने वाली बात है कि इन दिनों पेड़-पौधों पर नए पत्ते अंकुरित होने का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में दी गई मियाद पूरी होने के बाद भी  की जड़ें निकालने का क्रम जारी होना कई सवाल(quation) खड़े कर रहा है। 

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लोगों ने हैरानी जताई कि वन विभाग भी परमिट(permit) की अवधि खत्म होने के बाद अवैध रूप से कशमल की जड़ें निकालने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहा है। चंद पैसे कमाने के चक्कर में पहाड़ों को खोखला किया जा रहा है। वन विभाग ने चुराह विधानसभा(Churah Assembly) क्षेत्र में कशमल निकालने के लिए चुनिंदा ठेकेदारों को 27 मार्च तक परमिट जारी किए हैं। 

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परमिट मिलने के बाद ठेकेदारों ने सेईकोठी से सनवाल, देहग्रा, झज्जाकोठी, शलेलाबाड़ी, सेईकोठी, हरतवास,थनेईकोठी समेत आस-पास के क्षेत्रों में जगह-जगह लाखों टनों के हिसाब से कशमल की जड़ें निकालकर इकट्ठा की हैं। ठेकेदारों ने लोगों से भी करीब 12 रुपये किलो की दर से कशमल की जड़ें खरीदी हैं। परमिट मिलने के बाद निजी के साथ सरकारी जमीन(government land) से कशमल की जड़ें निकाली गई।

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