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10:37 am, Wednesday, 2 April 2025

historical Chhatrari fair : कांग्रेस नेता अमित भरमौरी ने ऐतिहासिक छतराड़ी मेला का शुभारंभ किया

4 day historical Chhatrari fair begins with much fanfare

historical Chhatrari fair begins : जिला चंबा का चार दिवसीय ऐतिहासिक छतराडी मेला शुरू हो गया। गद्दी संस्कृति (Gaddi culture) के लिए यह मेला विशेष पहचान बना चुका है। हिमाचल कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ राज्य प्रवक्ता अमित भरमौरी ने इसका शुभारंभ किया।

चंबा, ( विनोद ) : छतराड़ी जातर मेला शुभारंभ के मुख्यातिथि हिमाचल कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ राज्य प्रवक्ता अमित भरमौरी का ग्राम पंचायत छतराड़ी के प्रधान मंधोराम व उपप्रधान कमल ने अमित भरमौरी को स्मृति चिन्ह, शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया। अपने संबोधन में अमित भरमौरी ने कहा कि मेले हमारी प्राचीन व गौरवमयी लोक संस्कृति के परिचायक है तो साथ ही इनके माध्यम से हमारी प्राचीन लोक संस्कृति से पूरे विश्व को जानने का मौका मिलता है।

अमित भरमौरी को सम्मानित करते प्रतिनिधि

अमित भरमौरी ने अंजली का जिक्र किया

उन्होंने कहा कि छतराड़ी पंचायत की जनता बधाई की पात्र है कि उसने अपनी गद्दी संस्कृति को मूल स्वरूप में सहज रखा है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में गद्दी समुदाय के लोग रहते है और जब भी वह आपस में मिलते है तो अपनी गदयाली भाषा में बात करते है जो कि हम बस के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि गद्दी समुदाय की बेटी अंजली ने गद्दी पहनावा लुआंचड़ी पहन कर लेह-लद्दाख की बेहद मुश्किल चोटी युनम पीक(Yunam Peak) को फहत कर हम सब को गौरवान्वित किया था। 

उन्होंने कहा कि छतराडी जातर मेला जहां हम सब की आस्था से जुड़ा हुआ मेला है तो साथ ही हमारी संस्कृति की धरोहर को बचाने में यह बेहद सराहनीय भूमिका निभा रहा है। इस मौके पर उन्होंने मेला आयोजन समिति को 21 हजार रुपए तो कार्यक्रम पेश करने वाले बच्चों को भी प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। 

ये भी पढ़ें : इस तरह हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बचा।

इस मंदिर की यह है विशेष पहचान

छतराड़ी में 6ठीं शताब्दी में बना शिव शक्ति का मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। छतराडी जातर मेला जहां लोक संस्कृति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है तो साथ ही धार्मिक दृष्टि से भी उसका महत्व है। मंदिर पुजारी विजय भवानी शर्मा ने बताया कि इस जातर मेले का मणिमहेश यात्रा से संबंध है तो साथ ही देवी का असुरों का वध करने के साथ भी इसे जोड़ा जाता है। मणिमहेश स्नान के दूसरे दिन मणिमहेश डल से लाए जल से शिव शक्ति का जलाभिषेक किया जाता है। 

ये भी पढ़ें : ऐसे कसा दुकानदारों पर शिकंजा ।

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VINOD KUMAR

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historical Chhatrari fair : कांग्रेस नेता अमित भरमौरी ने ऐतिहासिक छतराड़ी मेला का शुभारंभ किया

Update Time : 08:41:36 pm, Thursday, 12 September 2024

historical Chhatrari fair begins : जिला चंबा का चार दिवसीय ऐतिहासिक छतराडी मेला शुरू हो गया। गद्दी संस्कृति (Gaddi culture) के लिए यह मेला विशेष पहचान बना चुका है। हिमाचल कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ राज्य प्रवक्ता अमित भरमौरी ने इसका शुभारंभ किया।

चंबा, ( विनोद ) : छतराड़ी जातर मेला शुभारंभ के मुख्यातिथि हिमाचल कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ राज्य प्रवक्ता अमित भरमौरी का ग्राम पंचायत छतराड़ी के प्रधान मंधोराम व उपप्रधान कमल ने अमित भरमौरी को स्मृति चिन्ह, शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया। अपने संबोधन में अमित भरमौरी ने कहा कि मेले हमारी प्राचीन व गौरवमयी लोक संस्कृति के परिचायक है तो साथ ही इनके माध्यम से हमारी प्राचीन लोक संस्कृति से पूरे विश्व को जानने का मौका मिलता है।

अमित भरमौरी को सम्मानित करते प्रतिनिधि

अमित भरमौरी ने अंजली का जिक्र किया

उन्होंने कहा कि छतराड़ी पंचायत की जनता बधाई की पात्र है कि उसने अपनी गद्दी संस्कृति को मूल स्वरूप में सहज रखा है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में गद्दी समुदाय के लोग रहते है और जब भी वह आपस में मिलते है तो अपनी गदयाली भाषा में बात करते है जो कि हम बस के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि गद्दी समुदाय की बेटी अंजली ने गद्दी पहनावा लुआंचड़ी पहन कर लेह-लद्दाख की बेहद मुश्किल चोटी युनम पीक(Yunam Peak) को फहत कर हम सब को गौरवान्वित किया था। 

उन्होंने कहा कि छतराडी जातर मेला जहां हम सब की आस्था से जुड़ा हुआ मेला है तो साथ ही हमारी संस्कृति की धरोहर को बचाने में यह बेहद सराहनीय भूमिका निभा रहा है। इस मौके पर उन्होंने मेला आयोजन समिति को 21 हजार रुपए तो कार्यक्रम पेश करने वाले बच्चों को भी प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। 

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इस मंदिर की यह है विशेष पहचान

छतराड़ी में 6ठीं शताब्दी में बना शिव शक्ति का मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। छतराडी जातर मेला जहां लोक संस्कृति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है तो साथ ही धार्मिक दृष्टि से भी उसका महत्व है। मंदिर पुजारी विजय भवानी शर्मा ने बताया कि इस जातर मेले का मणिमहेश यात्रा से संबंध है तो साथ ही देवी का असुरों का वध करने के साथ भी इसे जोड़ा जाता है। मणिमहेश स्नान के दूसरे दिन मणिमहेश डल से लाए जल से शिव शक्ति का जलाभिषेक किया जाता है। 

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