चंबा की प्राचीन लोक संस्कृति का आईना छतराड़ी मेला को राज्यस्तरीय दर्जा देने की मांग

चंबा,( विनोद ): हिमाचल की प्राचीन लोक संस्कृति को यहां के मेले बखूबी सहेजे हुए है। ऐसे मेलों की सूची में छतराड़ी जातर मेला भी शामिल है। वर्षों से आयोजित हो रहे इस मेले को राज्यस्तरीय दर्जा देने की मांग जोर पकड़ने लगी है। चूंकि धार्मिक दृष्टि से इस मेले का बेहद महत्व है तो वहीं इस प्राचीन मेले के माध्यम से जिला चंबा की प्राचीन लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। यही वजह है कि इस मेले का लोक संस्कृति की दृष्टि से बेहद महत्व है।

 

तीन दिवसीय इस मेले के दौरान स्थानीय लोग अपने पारंपरिक पहनावे में सजधज कर भाग लेते है। न सिर्फ महिलाएं बल्कि पुरुषों की भी सक्रिय भागीदारी देखने को मिलती है। मेले के दौरान दिन भर प्राचीन लोक संस्कृति की छठा बिखरती है तो वहीं शाम को आयोजित होने वाले सांस्कृतिक संध्याओं के माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लोग खूब आनंद लेते है। मेले की प्रत्येक शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है जो कि रात 10 बजे तक जारी रहते है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।

 

 

ये भी पढ़ें: नशे में हुडदंग मचाया, पुलिस ने हवालात पहुंचाया।

 

यही वजह है कि अब यहां के लोगों ने जिला प्रशासन से इस तीन दिवसीय ऐतिहासिक जातर मेला की अवधि को बढ़ा कर चार दिन करने की मांग की है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि ऐतिहासिक छतराडी जातर मेला जिला चंबा के इन प्राचीन मेले की सूची में शामिल है जिसका धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्व है। जिला चंबा में आयोजित होने वाले मेले में यह भी उन चंद मेलों की सूची में है जो कि वर्तमान 21वीं सदी में भी अपने प्राचीन मूल स्वरूप के साथ मौजूद है।

 

ये भी पढ़ें: चंबा के भाजपा कार्यकर्ता बोले…. कब आओगे?