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2:56 am, Monday, 10 February 2025

भरमौर वन मंडल में जल विद्युत निर्माण में वन काूनन ठेंगे पर, कंपनी पर आदेशों का नहीं कोई असर

चंबा, ( विनोद ): भरमौर वन मंडल के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत जगत निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजन में वन कानून नजर अंदाज किए जा रहें है। शिकायत करने वन विभाग ने उक्त जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्य को बंद करने के आदेश जारी किए लेकिन निर्माण कार्य को अंजाम देने वाली शिवालिक कंपनी इनकी सरेआम अवहेलना कर रही है।

 

बेधड़ होकर कंपनी पर्यावरण से जुड़े नियमों को ताक पर रखे हुए

पयूरा पंचायत के पूर्व उपप्रधान मोनू राष्ट्रवादी ने चंबा में पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक तरफ जिला चंबा में प्रशासन पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नित नये कार्यक्रमों को अंजाम दे रहा है तो दूसरी तरफ एक निजी कंपनी बेधड़क होकर जिला चंबा में वन नियम व कानून की अवहेलना कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण(Environment) के प्रति जगाए जा रहे अलख का क्या औचित्य रह जाता है।

 

NGT का दरवाजा खटखटाना मजबूरी-मोनू

उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने अब एनजीटी(NGT) का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है और आज ही माननीय अदालत में इस मामले की जांच व कार्यवाही के लिए अर्जी लगा दी है। उन्होंने कहा कि कंपनी की मनमानी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपनी मर्जी से एक खसरा नंबर की वजाए दूसरे खसरा नंबर में काम को अंजाम दिया तो साथ ही रिर्जव फोरेस्ट को भी बिना अनुमति के प्रयोग में लाया। 

 

ये भी पढ़ें: धर्मशाला की आभार रैली इस तरह नया इतिहास रचेगी।

 

क्या कहना है कंपनी का

इस बारे में संबन्धित कंपनी के इंजिनियर(engineer) अंबरीश सिंह का कहना है कि कंपनी सभी नियम-कायदों को अमल में लाते हुए अपने कार्य को अंजाम दे रही है। कंपनी ने किसी भी प्रकार के वन कानून या भू-राजस्व(Land Revenue) विभाग के नियमों व कानूनों की अवहेलना नहीं की है। कुछ लोग अपने हितों को साधने के लिए कंपनी पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।

 

ये भी पढ़ें: बोर्ड की सूची में चंबा को मिला यह स्थान।

 

क्या कहते है DFO भरमौर

वन मंडलाधिकारी भरमौर नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि उक्त जल विद्युत परियोजना निर्माण कार्य में वन नियमों को लेकर शिकायत आई थी जिस पर जांच करने पर 3 जगह पर यह शिकायत सही पाई गई। कुछ पर विभाग ने अपने स्तर पर कार्यवाही करते हुए कपंनी को जुर्माना किया तो एफआरए मामले पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कार्रवाही के लिए सीसीएफ चंबा के माध्यम से पत्र लिखा है।

 

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VINOD KUMAR

भरमौर वन मंडल में जल विद्युत निर्माण में वन काूनन ठेंगे पर, कंपनी पर आदेशों का नहीं कोई असर

Update Time : 07:12:36 pm, Friday, 26 May 2023
चंबा, ( विनोद ): भरमौर वन मंडल के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत जगत निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजन में वन कानून नजर अंदाज किए जा रहें है। शिकायत करने वन विभाग ने उक्त जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्य को बंद करने के आदेश जारी किए लेकिन निर्माण कार्य को अंजाम देने वाली शिवालिक कंपनी इनकी सरेआम अवहेलना कर रही है।

 

बेधड़ होकर कंपनी पर्यावरण से जुड़े नियमों को ताक पर रखे हुए

पयूरा पंचायत के पूर्व उपप्रधान मोनू राष्ट्रवादी ने चंबा में पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक तरफ जिला चंबा में प्रशासन पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नित नये कार्यक्रमों को अंजाम दे रहा है तो दूसरी तरफ एक निजी कंपनी बेधड़क होकर जिला चंबा में वन नियम व कानून की अवहेलना कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण(Environment) के प्रति जगाए जा रहे अलख का क्या औचित्य रह जाता है।

 

NGT का दरवाजा खटखटाना मजबूरी-मोनू

उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने अब एनजीटी(NGT) का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है और आज ही माननीय अदालत में इस मामले की जांच व कार्यवाही के लिए अर्जी लगा दी है। उन्होंने कहा कि कंपनी की मनमानी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपनी मर्जी से एक खसरा नंबर की वजाए दूसरे खसरा नंबर में काम को अंजाम दिया तो साथ ही रिर्जव फोरेस्ट को भी बिना अनुमति के प्रयोग में लाया। 

 

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क्या कहना है कंपनी का

इस बारे में संबन्धित कंपनी के इंजिनियर(engineer) अंबरीश सिंह का कहना है कि कंपनी सभी नियम-कायदों को अमल में लाते हुए अपने कार्य को अंजाम दे रही है। कंपनी ने किसी भी प्रकार के वन कानून या भू-राजस्व(Land Revenue) विभाग के नियमों व कानूनों की अवहेलना नहीं की है। कुछ लोग अपने हितों को साधने के लिए कंपनी पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।

 

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क्या कहते है DFO भरमौर

वन मंडलाधिकारी भरमौर नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि उक्त जल विद्युत परियोजना निर्माण कार्य में वन नियमों को लेकर शिकायत आई थी जिस पर जांच करने पर 3 जगह पर यह शिकायत सही पाई गई। कुछ पर विभाग ने अपने स्तर पर कार्यवाही करते हुए कपंनी को जुर्माना किया तो एफआरए मामले पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कार्रवाही के लिए सीसीएफ चंबा के माध्यम से पत्र लिखा है।

 

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