Chamba Forest Department : वन विभाग ने चंबा में कसमल की तस्करी को रोकने को अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। जगह-जगह पर दबिश दी जा रही है तो रात्री गश्त को तेज कर दिया गया है। कड़ाके की ठंड के बीच रात के समय वन अधिकारी व कर्मचारी जगह-जगह नाके लगा कर वाहनों की जांच कर रहे हैं।
चंबा, ( विनोद ) : वन संपदा कसमल को बचाने के लिए वन विभाग चंबा सक्रिय हो गया है। निजी व सरकारी भूमि से कमसल उखाड़ने पर पाबंदी लगने के बाद वन विभाग कसमल की तस्करी को रोकने के लिए कमर सके हुए है।

वन मंडल चंबा की बात करे तो बीते दो दिनों से वन विभाग ने कसमल की तस्करी के संभावित क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है तो साथ ही 5 विशेष टीमे(special teams) गठित की। यह विशेष टीमें रात को भी जगह-जगह पर नाके लगाकर गुजरने वाले वाहनों की जांच को अंजाम दे रहे है।

यह पहला मौका है जब वन विभाग वन संपदा(forest wealth) की तस्करी करने वालों के खिलाफ इस तरफ से विशेष अभियान को अंजाम दे रहा है। हो भी क्यों न विभाग की साख पर जो सवाल उठे हैं उनका जबाव देने के लिए वन विभाग काे ऐसा करने को मजबूर होना पड़ा है। यह बात और है कि कसमल की तसकरी को लेकर जो दावें किए गए है उनमें अभी तक कोई सत्यता नहीं पाई गई है।

वन विभाग की मानें तो शिकायत के आधार पर उसने उन क्षेत्रों में दबिश देकर जां पड़ता की जहां पर कसमल को अवैध ढंग से उखाड़ने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक विभाग के हाथ कुछ नहीं लगा है। विभाग का कहना है कि जिन लोगों को निजी भूमि से कसमल उखाड़ने और जिस ठेकेदार को कसमल जमा करने या खरीदने का विभाग ने परमिट जारी किया है वहीं लोग इस काम को अंजाम दे रहे थे।
वन विभाग के इन अधिकारियों ने डेरा डाला
बीते दो दिनों से सीएफ चंबा अभिषेक दामोदरन व डीएफओ चंबा कृतज्ञ कुमार मसरूंड रेज में स्टॉफ के साथ डेरा जमाए हुए है। कई स्थानों पर इन अधिकारियों ने खुद दबिश दी लेकिन शिकायत के अनुरूप कुछ भी हाथ नहीं लगा है। ऐसे में अब आरोप लगाने वालों की मंशा पर ही लोग सवाल उठाने लगे है।
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उधर वन विभाग की मानें तो उसने पूरे क्षेत्र में कसमल उखाड़ने पर लगे बैन की सार्वजनिक रूप से जानकारी लोगों तक पहुंचा दी है। जिला चंबा में कसमल(Berberis asiatica) उखाड़ने पर पूरी तरह से बैन लग चुका है ऐसे में जो भी इस काम को करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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