आज जन्मे लोगों का आने वाला वर्ष कैसा रहेगा इसके बारे में आज आपके भविष्य को लेकर यह है जानकारी। इस दिन यानी 12 दिसम्बर में जन्में व्यक्तियों का मूलांक 3 होता है, और इनका स्वामी बृहस्पति हैं। मूलांक 3 वाले जातक बहुत ही महत्वकांक्षी होते हैं। इनके जीवन में हर काम इनकी महत्वकांक्षा से ही जन्म लेता है। ये लोग बहुत ही प्रतिभाशाली व ज्ञानवान होते हैं। ये लोग किसी कार्य को बहुत जल्दी समझने व सीखने की क्षमता रखते हैं। मूलांक 3 वाले जातकों को समय का सदुपयोग करना अच्छे से आता है। ये लोग हमेशा समय नियोजन करके चलना पसंद करते हैं व समय के पाबंद होते हैं। ये लोग अपनी सूझबूझ के कारण छोटी उम्र से ही परिपक्वता के लिए जाने जाते हैं। मूलांक 3 वाले लोगों में प्रायः अनुभव व परिस्थितियों से सीखने की अनोखी समझ होती है। ये लोग हमेशा न्याय व ईमानदारी का साथ देते हैं। आज जिन जातकों का जन्मदिन है यह वर्ष आपके लिए शुभ फलप्रदायी रहेगा। आप किसी नए कार्य की शुरुआत घर के बड़ों की सलाह से कर सकते हैं। वाणी में अहं को स्थान न दें। दिसम्बर के महीने का समय सावधानी से बिताएं। माता पिता के साथ अनबन की संभावना बनती है। वर्ष 2021 के जनवरी के माह का समय शुभ है। किसी को उधार दी हुई धनराशि वापिस मिल सकती है। नकदी धन की स्थिति अच्छी होगी। व्यापारिक लेन-देन में सावधानी बरतें। फरवरी के माह में कार्य कम प्रयास से सफल हो जाएंगे। विद्यार्थी किसी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं तो सफलता प्राप्ति के योग बनते हैं। मार्च के माह में पिता की सेहत का ख्याल रखें। सरकारी कामों में अड़चनें आ सकती हैं। अप्रैल व मई के समय में बच्चों का मन पढ़ाई में कम लगेगा। जून के माह में यात्रा के योग बनते हैं। सन्तान से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। हालांकि मन थोड़ा व्याकुल महसूस करेगा। जुलाई के समय में आप जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। अगस्त के माह में आप जो काम पिछले काफी समय से करने की सोच रहे थे, उसे करने का साहस व उत्साह जुटा पाएंगे। दोस्त मददगार साबित होंगे। अपने अधूरे कामों को पूरा करने का सही समय है। सितम्बर के माह में किसी नए काम को शुरू करने के लिए समय शुभ है। पैसा उधार लेने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। नवम्बर के माह का समय शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अच्छा है।
उपाय- इस वर्ष के शुभ फल प्राप्त करने के लिए नीले व काले रंग का परहेज करें।
केसर का तिलक लगाएं।
पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
चांदी का चकोर टुकड़ा अपने पास रखें।
रोज सुबह शहद का सेवन करें।
हनुमान जी की प्रतिमा के चरणों से सिंदूर लेकर तिलक लगाएं।
साभार- आचार्य लोकेश धमीजा
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