मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत जिला में अब तक 466 निराश्रित बच्चे चयनित

बाल संरक्षण समिति चंबा की त्रैमासिक बैठक में हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना की पात्रता और दिए जा रहे लाभों के बारे में जानकारी दी गई। उपायुक्त चंबा अपूर्व देवगन की अगुवाई में यह बैठक आयोजित हुई। बैठक में समिति द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई।

 

चंबा, ( विनोद ): बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक में विधानसभा क्षेत्र डलहौजी के विधायक डीएस ठाकुर विशेष रूप से मौजूद रहे। उपायुक्त ने कहा कि सुखाश्रय योजना के तहत जिला में 27 वर्ष तक की आयु के 466 निराश्रित बच्चों का अभी तक चयन किया गया है।

 

उपायुक्त ने कहा कि ऐसे विद्यार्थियों में व्यावसायिक और उच्च शिक्षा के प्रति विशेष प्रोत्साहन देने के लिए विशेष कर 10 वीं व 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और इसके साथ 18 से 23 वर्ष की आयु के निराश्रितों युवाओं के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी संबंधित एसडीएम के माध्यम से करियर काउंसलिंग के लिए शिविर आयोजित करें।

 

उपायुक्त ने यह भी कहा कि जिला में योजना की पात्रता को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रचार प्रसार सुनिश्चित बनाया जाए ताकि कोई भी पात्र योजना के लाभ से वंचित न रहे। अपूर्व देवगन ने कहा कि योजना के अंतर्गत निराश्रित बच्चों को रहने के लिए आवास, भूमिहीन बच्चों को तीन बिस्वा जमीन, उत्तम शिक्षा प्राप्त करने के लिए नि:शुल्क कोचिंग, व्यावसायिक प्रशिक्षण, विवाह के लिए 2 लाख, जो निराश्रित युवा खुद का स्टार्टअप करना चाहते हैं उन्हें 2 लाख रुपए की एकमुश्त राशि का प्रावधान रखा गया है।

 

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उपायुक्त ने जिला में संचालित किए जा रहे पांच बाल व बालिका आश्रम में उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आश्रम में पढ़ रहे बच्चों की करियर काउंसलिंग के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाए।

 

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