हिमाचल की पूर्व शिक्षा मंत्री के विधानसभा के लोग खफा हैं जिस कारण उन्होंने चेतावनी देते हुए सरकार को 1 माह अल्टीमेटम दिया है। एसएमसी ने कहा कि उनकी मांग नहीं हुई तो वह सड़क पर उतरेगी।
सलूणी, ( दिनेश राणा ): राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सलूणी 2 वर्षों से विज्ञान संकाय पढ़ाने वाले अध्यापकों को तरस रहा है। एसएमसी का कहना है कि पूर्व सरकार व वर्तमान सरकार से बार-बार इस समस्या के निवारण की गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।
सरकारों के इस रूख को देखते हुए अब उन्हें यह कड़ा फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा है। एसएमसी के अनुसार राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सलूणी में जमा-1 व जमा-2 दो के विषय पढ़ाने को महज दो ही अध्यापक तैनात है। इस स्थिति में इस स्कूल के नाम पर यह शिक्षा सुविधा महज औपचारिकता तक सीमित है। यही वजह है कि इस स्कूल में इस समय विज्ञान संकाय की जमा-1 व 2 की कक्षा में महज 4 से 6 बच्चे ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें: चंबा विधायक ने पंजौह में बड़ी बात कही।
स्कूल में तैनात एक फिजिक्स व मैथ का एक-एक लेक्चर तैनात है जिनके सहारे ही मेडिकल व नॉन मेडिकल के इन बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। क्षेत्र के ज्यादातर बच्चे चंबा या फिर बनीखेत स्कूल का रुख कर चुके हैं। स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष देसराज का कहना है कि उनके स्कूल के लिए रसायन व भौतिक विज्ञान के एक-एक लेक्चरर की पोस्ट स्वीकृत है लेकिन आज तक इन्हें भरे नहीं गया है।
ये भी पढ़ें: रावी में बाइक गिरी, एक शव बरामद, दूसरा लापता।
इसके अलावा स्कूल में एक आई.पी.,एक पी.ई.टी. व एक टी.जी.टी. मेडिकल लेक्चर का पद खाली चल रहा है। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों से यह स्थिति बनी हुई है जिस वजह से क्षेत्र के बच्चे डॉक्टर, वैज्ञानिक व इंजीनियर कैसे बनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को वे 1 माह का समय देते है। अगर इस समय अवधि में इस स्कूल के इन रिक्त पदों को नहीं भरा गया तो वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।