डोडा, भद्रवाह व किश्तवाड़ के मणिमहेश यात्रियों ने व्यवस्था के दावों की पोल खोली

मणिमहेश यात्रा प्रबंध से नाखुश जम्मू के शिव भक्त यात्रा व्यवस्था से निराश व हताश नजर आए। यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन ने जो दावे किए थे उन्हें पूरी तरह से भद्रवाह,डोडा व किश्वताड के श्रद्धालुओं ने हवाई दावे करार दिया

चंबा,( विनोद ): मणिमहेश यात्रा प्रबंध से नाखुश जम्मू के शिव भक्त यात्रा व्यवस्था से निराश व हताश नजर आए। उन्होंने प्रशासन के दावों पर सवालिया निशान लगाए हैं जो कि बेहद गंभीर है। मणिमहेश पावन यात्रा पूरा कर शनिवार जिला मुख्यालय चंबा पहुंचे भद्रवाह, डोडा व किश्तवाड़ के श्रद्धालुओं ने चिकित्सा, शौचालय व अन्य व्यवस्था को लेकर निराशा जताई।

 

उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि उनके एक साथी को मणिमहेश डल झील पर सांस लेने की समस्या पेश आई तो उसे थोड़ी देर तक ऑक्सीजन सुविधा मुहैया कराने के बाद एक ही ऑक्सीजन सिलेंडर का हवाला देकर उसे गौरीकुंड ले जाने को कहा गया। जिसके चलते बीमार व्यक्ति को गौरीकुंड ले जाना पड़ा।

 

चंबा व मणिमहेश में शौचालय व्यवस्था को लेकर इन शिव भक्तों का कहना था कि चंबा में जहां इसके नाम पर बीते 15 वर्षों से जो व्यवस्था चल रही है उसमें कोई इजाफा नहीं किया गया है तो वहीं मणिमहेश में बनाए गए शौचालयों के पास पानी को उचित व्यवस्था नहीं थी। शौचालयों की छत नहीं बनाई गई थी जिस कारण बारिश में उनका प्रयोग करने में लोगों को परेशानी पेश आई।

 

उन्होंने यह भी कहा कि यूं तो प्रशासन ने यात्रा के दौरान नशा बंदी कर रखी थी लेकिन शराब का प्रयोग सरेआम हो रहा था। हड़सर से डल झील तक जाने वाले रास्ते की हालत इस कदर खस्ता थी कि जानवरों को भी दिक्कत पेश आ रही थी। ऐसे में आदमी की क्या हालत हुई होगी इसका अनुमान सहजता से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मणिमहेश ट्रस्ट भले बनाया गया है लेकिन ट्रस्ट यात्रियों को सुविधा मुहैया करवाने में पूरी तरह से नाकाम है।

 

चंबा चौगान में डोडा, भद्रवाह के मणिमहेश यात्री

 

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डल व गौरीकुंड तथा धनछो में लगाए गए निजी टेंट लोगों की मजबूरी के अनुसार पैसे वसूल रहे थे। प्रशासन का उन पर कोई नियंत्रण नजर नहीं आया। उन्होंने कहा कि इन सब परिस्थितियों को उन्होंने अपने कैमरों में कैद कर लिया है और जम्मू प्रशासन के माध्यम से हिमाचल सरकार को यात्रा की इस व्यवस्था के बारे में पत्र के माध्यम से जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि भरमौर व सलूणी में बेहतर व्यवस्था होने की वजह से उन्हें मूलभूत सुविधाओं को लेकर प्रकार की परेशानी पेश नहीं आई।

 

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