चंबा विकास मंच ने चंबा जिला मुख्यालय के पत्रकारा वार्ता करके यह बात कही
चंबा, (विनोद): ट्राईबल का दर्जा पाने के लिए बीते 4 दशकों से भरमौर के गैर जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग मांग कर रह हैं लेकिन भाजपा-कांग्रेस इस मांग काे पूरा करवाने में फेल रही हैं। यहां तक की डब्ल इंजन की सरकार भी अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं कर पाई है।
यही स्थिति बनी रहती है तो आने वाले विधानसभा चुनावों में भरमौर विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाले गैरजनजातीय क्षेत्र की 30 हजार आबादी चुनाव का बहिष्कार करने के लिए मजबूर होगी।
चंबा विकास मंच के संयोजक भुवनेश्वर शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश के भाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिलने पर मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर की लेकिन अफसोस की बात है कि जिला चंबा के भरमौर विधानसभा क्षेत्र के गैर जनजातीय पंचायतों की वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा करवाने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
शर्मा ने कहा कि वर्तमान में जिला चंबा का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी प्रतिनिधि ने इस मामले को विधानसभा में नहीं रखा। उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि जिला चंबा से हिमाचल विधानसभा उपाध्यक्ष तो खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार तथा स्वयं को मुख्यमंत्री का चहेता बताने वाले नेता भी इस मामले पर मूक दर्शक बने हुए है।
संयोजक ने कहा कि जिला चंबा के चुराह विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली टेपा, आयल, बढंतर, मंगली, गुईला, चांजू, देहरा व चरड़ा के साथ सनवाल को जनजातीय दर्जा लाजमी है ताकि ये पंचायतें भी विकास की मुख्यधारा के साथ जुड़ सके।
डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाले संघणी क्षेत्र की कुछ पंचायतों को भी जनजातीय दर्जा मिलना बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए होना लाजमी है क्योंकि यह पंचायतें जिला की सबसे दूरस्थ व विकास की दृष्टि से सबसे अधिक पिछड़ी हुई है।