वन विभाग ने 22 FIR दर्ज करवाई

वन विभाग को अब तक साढ़े 21 लाख का नुक्सान हो चुका

चंबा, ( विनोद ): वन विभाग ने जिला चंबा के विभिन्न पुलिस थानों में 22 FIR दर्ज करवाई हैं। इस बार के fire सीजन अपने निर्धारित समय से पहले शुरू हो गया है जिस वजह से इस बार प्रदेश की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

 

अकेले जिला चंबा में ही बीते 27 दिनों के दौरान आग के 86 मामले दर्ज हुए है। इन मामलों के तहत वन विभाग की 740 हेक्टेयर वन भूमि आग की भेंट चढ़ चुकी है। वन विभाग को इन आग की घटनाओं के कारण अब तक साढ़े 21 लाख रुपए का नुकसान पहुंचा है।
ये भी पढ़ें. जिला चंबा में कहां गिरी कार।

 

इन मामलों में राहत भरी बात यह है कि अब तक किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। वन सर्कल चंबा के सी.सी.एफ.एच.के.सरवाटा ने इस बात की पुष्टि की है। जिला चंबा में सबसे अधिक आग के मामले व नुकसान वन मंडल डल्हौजी में दर्ज हुआ है।
ये भी पढ़ें….. आजादी का अमृत महोत्सव कहा आयोजित हुआ?

 

 

वन विभाग ने अब तक 22 अज्ञात लोगों के खिलाफ जिला के विभिन्न पुलिस थानों में मामले दर्ज करवाए हैं। जिला चंबा के दो वन मंडलों भरमौर व पांगी में आग का अभी तक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
ये भी पढ़ें…. चंबा के टैक्सी ड्राईवरों ने किसके खिलाफ प्रशासन से शिकायत की?

 

सी.सी.एफ. चंबा का कहना है कि आग की इन घटनाओं से निपटने के लिए वन सर्कल चंबा में 118 फायर वर्करों को तैनात किया है तो साथ ही वन विभाग ने आग को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए अपने स्तर पर आग बुझाने के लिए वाहन हायर किए हैं तो साथ ही कुछ गाड़ियों पर लाऊड स्पीकर लगाकर लोगों को आग न लगाने, आग पर काबू पाने व आग से होने वाले नुकसानों के बारे में जागरूक करने की व्यवस्था की है।

 

उधर उपायुक्त चंबा डी.सी.राणा ने भी जिला वासियों से अपील की है कि वे जंगलों को आग से बचाने में सरकार व विभाग का सहयोग करे। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने से वन संपदा को नुकसान तो पहुंचता है साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित होता है।

इस स्थिति के चलते लोगों को सांस से संबंधित विभिन्न रोगों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। सांस संबंधी रोगों से ग्रस्त रोगियों को भारी परेशानी पेश आती है। ऐसे में इन तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिलावासी जंगलों में आग लगाने वाले लोगों के बारे में सूचना दे ताकि प्रशासन व संबंधित विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में ला सके। सूचना देने वाले का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।