मानसून सत्र के तीसरे दिन आशा कुमारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि हम दो हमारा कोई नहीं की नीति पर काम हो रहा
विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री व मंत्री महेंद्र सिंह के क्षेत्र में 3 हजार नियमित तो 8 हजार आउटसोर्स पर नौकरियां दी गई
चंबा, 4 अगस्त (ब्यूरो): मानसून सत्र के तीसरे दिन आशा कुमारी व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सवालों की बौछार की। विपक्ष ने विभिन्न विभागों में हो रही आउटसोर्स आधार पर की जा रही भर्तियों के खिलाफ विधानसभा सदन ने नारेबाजी की। करीब 10 मिनट तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के उपरांत सदन से वॉकआउट कर दिया।
मानसून सत्र में विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चोर दरवाजे की भर्तियों से बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री व मंत्री महेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में पांच हजार से अधिक नौकरियां बांटने की अग्निहोत्री ने बात कही। मुख्यमंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सभी भर्तियां नियमों के तहत हो रही हैं।
मानसून सत्र के तीसरे दिन विपक्ष सदन का वॉकआउट करने के दौरान बाहर नारेबाजी करता हुआ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट को रस्म बना दिया है। बुधवार को कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने आउटसोर्सिंग भर्तियों का मामला उठाया। प्रदेश में बीते तीन वर्षों के दौरान तीन हजार पदों पर नियमित और 8 हजार पदों पर आउटसोर्स आधार पर भर्तियां की गई है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बिना पॉलिसी के भर्तियां की जा रही है। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा कि प्रदेश में इस स्थिति को देखकर कहा जा सकता है हम दो हमारा कोई नहीं की नीति पर काम किया जा रहा है।
कांग्रेस विधायकों ने इस बीच आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ नारेबाजी करते हुए स्थगन प्रस्ताव को लेकर चर्चा मांगी लेकिन इस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने अस्वीकार कर दिया। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शोर-शराबे के बीच शुरू किया, तो विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
कांग्रेस विधायकों का सदन से वॉकआउट करने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नियम 67 के बहुत महत्वपूर्ण विषय हो तो ही काम रोककर चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि जो भी भर्तियां हो रही हैं वे नियमानुसार हो रही है।
उन्होंने कहा कि इनको पूछा जाए कि इनके जमाने में कितनी भर्ती हुई। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य क्षेत्र विशेष से नौकरियां देने की सदन में झूठी बात कर रहें हैं। विपक्ष के नेताओं में नेतृत्व की होड़ लगी है। ये उसी का नतीजा है। सिर्फ राजनीतिक मकसद के लिए हंगामा किया जा रहा है।
मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने सदन से अपनी मांग को लेकर वॉकआउट किया था तो आज यानी बुधवार को भी सदन से वॉकआउट किया। प्रदेश विधानसभा के 10 दिवसीय मानसून सत्र के तीन दिन बीत गए है और शेष सात दिन बचे है। देखना होगा कि यह सत्र सही मायने में प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरता है या नहीं।