मणिमहेश यात्रा करने के लिए आने वाले होंगे निराश

श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिस ने यहां अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित की

मणिमहेश छड़ी यात्रा में सिर्फ साधु व गुर ही शामिल हो पाएंगे

चंबा, 4 अगस्त (विनोद): मणिमहेश की यात्रा करने के उद्देश्य से आने वाले श्रद्धालु बेहतर है कि इस बार भी यात्रा करने की अपनी योजना को रद्द कर दे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें आधे रास्ते से निराश होकर वापिस लौटना पड़ेगा।

 

मणिमहेश कैलाश व पवित्र डल झील। फाईल फोटो

मणिमहेश कैलाश व पवित्र डल झील।                   फाईल फोटो

लगातार दूसरे वर्ष कोविड की वजह से पवित्र मणिमहेश यात्रा को महज धार्मिक रस्म के तौर पर ही अंजाम दिया जाएगा लेकिन कुछ लोग अभी से मणिमहेश का रुख कर रहें हैं। इस बात को देखते हुए प्रशासन ने प्रंघाला के पास अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित कर दी है।
मणिमहेश पवित्र डल झील। फाईल फोटो

मणिमहेश पवित्र डल झील।                             फाईल फोटो

इस पुलिस चौकी से आगे किसी भी श्रद्धालु को जाने की इजाजत नहीं होगी। ऐसे में जो भी श्रद्धालु यहां का रूख करेगा उसे प्रंघाला से वापिस लौटा दिया जाएगा। भरमौर प्रशासन के आदेश पर पुलिस ने इस अस्थाई चौकी को स्थापित कर दिया है।
30 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन दिवस से शुरू होने वाली इस पवित्र यात्रा के लिए झडी यात्रा तो मणिमहेश के लिए निकलेगी लेकिन इस यात्रा में सिर्फ चेलों, साधुओं को ही शामिल होने की अनुमति रहेगी। इसमें अन्य कोई भी शामिल नहीं हो पाएगा।
गौरतलब है कि अभी से बाहरी राज्यों के लोग मणिमहेश की ओर रुख करने लगे हैं लेकिन बरसात के मौसम को देखते हुए भी इस अस्थाई पुलिस चौकी को यात्रा के शुरू होने से पहले ही स्थापित कर दिया गया है।
इस बात की पुष्टि करते हुए एस.डी.एम.भरमौर मनीष सोनी ने कहा कि कोविड के बढ़ते खतरे और बरसात को देखते हुए प्रशासन ने इस बार भी यात्रा को रस्मी तौर पर आयोजित करने का फैसला लिया है। प्रंघाला से आगे किसी भी श्रद्धालु को जाने की अनुमति नहीं होगी।
इसके लिए वहां अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित कर दी गई है जिसमें चार पुलिसकर्मी दिन-रात तैनात रहेंगे। इस बार यह 15 दिवसीय पवित्र यात्रा 30 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को शुरू होगी और यह 13 सितंबर को राधा अष्टमी के दिन बड़े स्नान के साथ संपन्न होगी। इस बार भी बीते वर्ष की भांति महज रस्मी तौर पर निभाई जाएगी।
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