थप्पड़ कांड की गूंज PMO कार्यालय तक पहुंची!

13 को रैला स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के अभिभावकों ने सरकार के खिलाफ निकाली थी रैली

चंबा, ( विनोद ): हिमाचल विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ हंसराज द्वारा स्कूली बच्चे का मारे गए थप्पड़ कांड की गूंज PMO कार्यालय तक पहुंच गई है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने मंगलवार को चुराह उपमंडल मुख्यालय भंजराडू में रोष रैली निकाल कर एसडीएम चुराह के माध्यम से राज्यपाल को मांग पत्र भेज कर हंसराज को पद से हटाने की मांग की है।
ये भी पढ़ें……. यहां एक किन्नर चिट्टा व चरस सहित पकड़ा गया।
इस मामले को लेकर अब चाइल्ड लाइन चंबा भी सक्रिय हो गया है। 19 मई का सामने आए इस मामले के बाद से डॉ हंसराज बुरी तरह से इस बार विवाद में घिरते हुए नजर आ रहें है। मामले के सामने आने के पांच दिन बाद भी यह विवाद विधानसभा उपाध्यक्ष को पीछा छोड़ता नजर नहीं आ रहा है।
लोग अब इस मामले को इस माह की 13 तारीख को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रैला में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के अभिभावकों द्वारा अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों को लेकर सरकार व हंसराज के खिलाफ रोष रैली निकाली थी और जमकर नारेबाजी भी करने से भी जोड़ कर देखने लगे है। कुल मिलाकर अब यह मामला डाॅ हंसराज के लिए सिरदर्द पैदा कर सकता हुआ दिखाई देने लगा है।
ये भी पढ़ें…….. बाइक दुर्घटना में युवक की मौत।

 

यही वजह है कि सोमवार को एक बार फिर से हंसराज ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर उक्त मामले पर हो रही किरकिरी से खुद को बचाने के लिए अपना पक्ष रखा तो साथ ही विपक्ष पर भी इस मामले को लेकर निशाना साधा है।
यूं तो हंसराज और विवादों के बीच गहरे रिश्ते नजर आते हैं लेकिन हर बार की तरह हंसराज इस मामले से खुद को सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे ऐसा उनके पूर्व के अनुभवों को देखकर प्रतीत होता है।

 

उधर सूत्रों की माने तो यह मामला पी.ओ. तक पहुंच चुका है हालांकि इस बात की अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है। इतना जरुर है कि एक बार फिर से चुराह विधायक एवं हिमाचल विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के खिलाफ चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के हाथ एक बड़ा मुद्दा लग गया है।

 

यह बात ओर है कि जिस बच्चे को हंसराज ने थप्पड़ रसीद किया है उस छात्र के पिता की एक बार नहीं दो बार वीडियो सामने आ चुकी है जिसमें वह हंसराज के पक्ष में खड़े नजर आते हैं लेकिन यह मामला बाप-बेटे या फिर विधानसभा उपाध्यक्ष का नहीं यह मामला सीधे तौर पर सूचना के अधिकारी अधिनियम में मौजूद कानूनों से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि हंसराज के राजनीतिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *