sextortion crime : वीडियो कॉल खून पसीने की कमाई को लूट लेगी, सेक्सटॉर्शन को लेकर एडवाइजरी जारी, अनजान लोगों से दोस्ती न करें स्वीकारे। साइबर ठग लोगों को लूटने के लिए नये-नये तरीके अपना रहे।
शिमला, ( ब्यूरो ): आज के दौर में सोशल मीडिया(social media) पर अनजान लोगों से दोस्ती महंगी पड़ सकती है। वीडियो कॉल के झांसे में फंसाकर लोगों को साइबर ठग चूना लगा रहे हैं। शिमला साइबर सेल ने सेक्सटॉर्शन को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
ऑनलाइन की दुनिया में ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग लोगों को लूटने के लिए नये-नये तरीके अपनाते है। इन दिनों सबसे अधिक मामले सेक्सटॉर्शन को लेकर सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि बार-बार पुलिस उपभोक्ताओं को अलर्ट करती रहती है।
एसपी रोहित मालपानी ने बताया कि ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन(online sextortion) तब होता है, जब कोई धोखेबाज आपकी निजी और संवेदनशील सामग्री को ऑनलाइन प्रसारित करने की धमकी देता है। आप जब तक उनकी पैसों की मांग को पूरा करते रहेंगे, वह आपकी फोटो/वीडियो को आपके दोस्तों या रिश्तेदारों को भेज कर नुकसान पहुंचाने की धमकी देते रहते है।
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साइबर अपराधी(cyber criminals) इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप, एसएमएस, ऑनलाइन डेटिंग ऐप, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, पोर्न साइट्स आदि जैसे विभिन्न चैनलों का उपयोग करता है, ताकि उपयोगकर्ताओं को अंतरंग वीडियो/ऑडियो चैट में लुभाया जा सके। नग्न या उनसे खुलासा करने वाली तस्वीरें प्राप्त करता है। जालसाज बाद में इस सामग्री का उपयोग उक्त व्यक्ति को परेशान करने, शर्मिंदा करने, धमकी देने, शोषण करने और ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं।
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सेक्सटॉर्शन से कैसे बचे
कभी भी अपनी कोई भी समझौता करने वाली इमेज, पोस्ट, वीडियो किसी को भी साझा न करें, चाहे वे कोई भी हों। याद रखें कि इंटरनेट में मौजूद सामग्री कभी भी समाप्त नहीं होती है। अगर आपने एक बार कुछ साझा किया है, तो वह हमेशा के लिए नेट पर मौजूद रहेगा। ऐसे मामलों व ठगी से बचने के लिए कभी भी किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना सोशल मीडिया का दोस्त न बनाए और कभी भी अनजान व्यक्ति का संदेश, फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार या अनुरोध न करें।
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जानिए इस अपराध के संबंध में कानून क्या कहता है?
यह कानून द्वारा दंडनीय अपराध है और इस पर धारा 354 (डी), 506/507, 509 आईपीसी और 384 आईपीसी लगती है और आईटी अधिनियम की धारा 67 भी लागू होती है। ऐसे अपराधों में अपराधी आमतौर पर पीड़ित की चुप्पी और कानून में स्पष्टता की कमी के कारण पनपते हैं। इसलिए, हर किसी को उन कोड और अनुभागों के बारे में पता होना चाहिए जो ऐसे मामलों में उनकी मदद करेंगे।