big success : पांगी घाटी की महिलाओं ने शराब ठेके के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन को झुकने पर मजबूर किया। पढ़ें कैसे एकजुटता से उन्होंने सामाजिक बदलाव की मिसाल कायम की।
चंबा, ( विनोद ) : मंगलवार की सुबह पांगी घाटी की महिलाओं ने वह कर दिखाया जिसकी शायद की पांगी प्रशासन ने कल्पना की होगी। स्थानीय महिलाओं ने एकजुटता के साथ शराब ठेका बंद करवाने को लेकर जो धरना-प्रदर्शन व चक्का जाम किया उसने पांगी प्रशासन व एक्साइज विभाग को नतमस्तक होने को मजबूर कर दिया। महिलाओं में अपनी पंचायत में बढ़ते नशे के प्रचलन को लेकर चिंता देखने को मिली।
माहौल खराब हो रहा
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि जब से पंचायत में सरकारी शराब ठेका खुला है, तब से गांव का माहौल बिगड़ गया है। युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है और पारिवारिक झगड़े आम हो गए हैं। महिलाओं ने बताया कि बीते तीन महीनों से वे ठेके को बंद करने की मांग कर रही थीं, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने सड़क पर उतरने का फैसला लिया।
कई घंटे रहा यातायात ठप
प्रदर्शनकारियों ने बीआरओ द्वारा निर्मित मुख्य सड़क पर चक्का जाम कर दिया। यह सड़क संसारी नाल को लाहौल-मनाली-कुल्लू से जोड़ती है और पांगी की मुख्य लाइफलाइन मानी जाती है। जाम के चलते कई घंटे तक छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही ठप रही और यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
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प्रशासन और एक्साइज विभाग ने मानी मांग
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पांगी उपमंडल के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन महिलाएं ठेका बंद होने की घोषणा तक पीछे हटने को तैयार नहीं थीं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुल्लू से एक्साइज विभाग की टीम को बुलाया गया। शाम को टीम ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और शराब ठेके को पंचायत से करीब 3 किलोमीटर दूर चेरी बंगला क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया।
आंदोलन समाप्त, लेकिन चेतावनी जारी
प्रशासन ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 जून तक का समय मांगा। महिलाओं ने अस्थायी रूप से आंदोलन समाप्त कर दिया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि तय समय सीमा तक ठेका नहीं हटाया गया, तो वे दोबारा आंदोलन करेंगी। हालांकि महिलाओं ने इस बारे में भी पांगी प्रशासन से लिखित रूप में आश्वासन मांगा जिसे लेकर बुधवार को पांगी प्रशासन से यह महिलाएं मुलाकात करेंगी।
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