3 वर्ष बाद भी मंत्री के आदेश प्रभावहीन

सरकारी भवन का कुछ भाग किराये पर चढ़ा हुआ

भरमौर-पांगी विधायक ने मामले पर लिया कड़ा संज्ञान मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही

चंबा, 20 सितंबर (विनोद): तीन वर्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने अपने चंबा दौरे के दौरान जिला मुख्यालय में मौजूद जनजातीय सराय भवन में मौजूद कार्यालयों को हटा कर इसे फिर से जनजातीय क्षेत्र के लोगों के रहने योग्य बनाने के आदेश जारी किए थे लेकिन अभी तक यह आदेश पूरी तरह से बेअसर नजर आ रहें है।
यही वजह है कि अब इस मामले को पांगी-भरमौर के लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। भरमौर-पांगी विधायक जिया लाल कपूर ने जारी अपने बयान में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बेहद अफसोस की बात है कि जनजातीय क्षेत्र के विकास हेतु आने वाले धन के माध्यम से जिला मुख्यालय में जनजातीय क्षेत्र के लोगों को रहने की सुविधा मुहैया करवाने के लिए इस जनजातीय भवन का निर्माण चंपावती मंदिर के ठीक सामने किया गया था।
पांगी-भरमौर के लोगों को इसका भरपूर लाभ मिल रहा था लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान जिला प्रशासन ने अपनी मनमर्जी से इस भवन में कुछ सरकारी कार्यालय, एक सहकारी बैंक के कार्यालय किराये पर चलाने की अनुमति दे दी।
इस नई व्यवस्था की वजह से पांगी-भरमौर से आने वाले लोगों को अब भारी मानसिक व आर्थिक परेशानी उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। विशेषकर महिलाओं व बुजुर्गों को इसके कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 
हालांकि बालू में जनजातीय भवन मौजूद है लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचाराधीन पांगी-भरमौर के रोगियों के तीमारदारों अस्पताल व बालू के बीच की दूरी तय करने में बहुत परेशानी पेश आती है। विशेषकर आपात स्थिति अथवा रात के समय तो ऐसा करना संभव नहीं हो पाता है। 
भरमौर-पांगी विधायक ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि जिस वर्ग अथवा समुदाय को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जनजातीय सराय भवन का निर्माण जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में किया गया था उस सुविधा से भरमौर-पांगी के लोगों को वंचित रखने की साजिश रची गई। 
उन्होंने कहा कि भरमौर-पांगी की जनता अक्सर उनके समक्ष इस मामले को उठाते रहते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट मंत्री ने भी अपने चंबा जिला के दौरे के दौरान इस सराय भवन का स्वयं निरीक्षण किया था और मौके पर ही जिला प्रशासन को इस भवन को खाली करवा कर भरमौर-पांगी के लोगों के रहने योग्य व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यही वजह है कि उन्हें अब यह मामला मजबूरन मुख्यमंत्री के समक्ष उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह इन दिनों दिल्ली के दौरे पर है। जल्द ही शिमला वापिस लौट कर इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात करेंगे तो साथ ही इस संदर्भ में उपायुक्त चंबा से भी बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही भरमौर-पांगी के लोगों को फिर से यह सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। 
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