हत्या में बदला धुए में घुटने से हुई मौत का मामला

हत्या करने के लिए प्रयोग में लाई कुल्हाड़ी को पुलिस ने बरामद किया

पुलिस रिमांड में आरोपी पत्नी व उसके साथी ने अपना गुनाह कबूला

चंबा, 28 सितंबर (विनोद): धुए में दम घुटने की वजह से तीन बच्चों व उनके पिता की हुई मौत के रहस्य से तीसा पुलिस ने पर्दा हटाने में सफलता हासिल कर ली है। चार दिन के पुलिस रिमांड में पुलिस को जो जानकारी व सबूत मिले हैं वे इस मामले के आराेपियों को सलाखों पीछे पहुंचाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसी के आधार पर इस मामले में पुलिस को एक और बढ़ी सफलता हासिल हुई है।
पुलिस ने अपराध की इस वारदात को अंजाम देने में प्रयोग में लाई गई कुल्हाड़ी को बरामद कर लिया है और उस पर लगे उंगलियों के निशानों की जांच कराने के लिए उसे भी फोरेंसिक प्रयोगशाला भेज दिया है। कुल्हाड़ी में जिसके उंगलियों के निशान पाए जाएंगे सीधे-सीधे उसे इस हत्या के मामले का मुख्य आरोपी माना जाएगा।
डी.एस.पी.सलूणी मयंक चौधरी ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि एक बात तो साफ हो गई है कि 13 सितंबर को चुराह घाटी की ग्राम पंचायत बिहाली के एक मकान में लगी आग लगने की वजह से धुए में दम घुटने के कारण एक व्यक्ति व उसके तीन बच्चों की मौत होने का जो मामला सामने आया था वह वास्तव में एक सोची समझी हत्या की वारदात थी।
13 सिंतबर की रात को घटी घटना पर अगले दिन प्रभावित परिवार की महिला विलाप करती हुई।

13 सिंतबर को चुराह की बिहाली पंचायत में घटी घटना अगले दिन ग्रामीणों की मौजूदगी में प्रभावित परिवार की महिला विलाप करती हुई।

उन्होंने बताया कि पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी महिला और उसके साथी ने इस बात को कबूला है कि रफी मोहम्मद पुत्र नूरदीन के कान के पास सिर के पीछे वाले भाग में कुल्हाड़ी से वार किया था और उसके बार घर को आग लगा दी थी। आरोपियों ने पुलिस रिमांड ने यह बात कबूली है कि उन्होंने बच्चों को कुछ नहीं किया लेकिन आग लगने की वजह से उनका दम घुटने के कारण मौत हुई।
पुलिस ने इस मामले को हाल ही में हत्या की धारा 302 के तहत दर्ज किया था तो अब उसने इसमें एक और IPC की धारा 201 को जोड़ दिया है। पुलिस ने अपनी जांच में यह पाया है कि दोनों आरोपी महिला व उसके साथी ने एक सोची समझी योजना के तहत इस वारदात को अंजाम दिया और अपने जुर्म के निशानों को मिटाने के लिए रफी को जलाने के लिए घर में आग लगाई।
पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया था कि उन्होंने रफी मोहम्मद पर जिस कुल्हाड़ी के साथ वार किया था उसे उन्होंने घर में ही छिपाया हुआ है। उनकी निशानदेही के आधार पर ही पुलिस ने वारदात को अंजाम देने के लिए प्रयोग में लाई गई कुल्हाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया है।
पुलिस अब इस बात को पता लगाने में जुट गई है कि कुल्हाड़ी से रफी पर वार किसने किया था। क्योंकि अभी तक दोनों आरोपी एक-दूसरे पर हत्या करने का आरोपी लगा रहें है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस इस मामले को अदालत में समक्ष रखने से पूर्व इस हत्या के मामले से जुड़े सभी सबूतों को जुटाने में जुट गई है।
इसी के चलते उसने कुल्हाड़ी पर लगे उंगलियों के निशानों को पता लगाने के लिए उसे जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेज दिया है। DSP सलूणी मयंक चौधरी ने कहा कि अब तक की पुलिस जांच में यह बात तो सामने आ गई है कि यह मामला महज एक हादसा नहीं था बल्कि यह हत्या से जुड़ा हुआ मामला है।
पुलिस इस मामले में शामिल गुनहगारों को सलाखों पीछे पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। चार दिन का पुलिस रिमांड अवधि पूरा होने के चलते पुलिस ने आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश किया जिन्हें अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
यह था मामला- चुराह में 13 सिंतबर की रात को घटी थी यह घटना।

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