JSW पावर प्रोजेक्ट में काम करना मजदूरों के लिए सुरक्षित नहीं

श्रम विभाग ने योजना निर्माण क्षेत्र का दौरा कर निर्माण कार्य बंद करवाया

चंबा की आवाज। जिला चंबा के जनजातीय उपमंडल भरमौर के होली में निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना मैं कई प्रकार की श्रम कानूनों से संबंधित कमियां पाई गई हैं। इन खामियों का पता तब चला है जब पिछले दिनों इस जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्य में कार्यरत एक मजदूर की मौत होने के बाद श्रम विभाग ने जब उक्त योजना निर्माण क्षेत्र का निरीक्षण किया। जिला श्रम अधिकारी अनुराग शर्मा की अगुआई में टीम ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार इस टीम ने 20 किलोमीटर के दायरे में आठ निर्माण स्थलों की जांच की। प्रारंभिक जांच में पाया कि निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में जिन हालात में काम हो रहा है, वे कामगारों के जीवन, सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इसके बाद जिला श्रम अधिकारी ने प्रोजेक्ट के निर्माण का कार्य 15 दिन के लिए बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि इस दौरान कोई भी निर्माण गतिविधियां नहीं की जाएंगी।। मात्र सुरक्षा से संबधित खामियों को सुधारा जाएगा। साथ ही जितने दिन कार्य बंद रहेगा, उतने दिन का पूरा वेतन प्रोजेक्ट प्रबंधन को सभी कामगारों व कर्मचारियों को देना होगा। 8 फरवरी को प्रोजेक्ट प्रबंधन द्वारा श्रम विभाग को रिपोर्ट सौपने के उपरांत विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर व्यवस्था को जांचने के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

ये पाई गई हैं खामिया

1.श्रम विभाग द्वारा की गई जांच में पाया गया है कि प्रोजेक्ट प्रबंधन द्वारा श्रम आयुक्त हिमाचल प्रदेश से अनुमति के बिना टनल कार्य आरंभ किया है।

2. निर्माणाधीन स्थलों पर कोई भी आपातकालीन कार्ययोजना कामगारों व कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए नहीं बनाई गई है।

3.कामगारों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।

4. किसी भी टनल के बाहर चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।

5.टनलों के भीतर राष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं हैं।

6. टनलों में संचार के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं हैं।

7. सुरंगों में पानी की निकासी व कीचड़ को समय-समय पर निकालने की उचित व्यवस्था नहीं है।

8. टनलों के बाहर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है।

9. अग्निशमन यंत्र स्थापित नहीं किए गए हैं।

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मिस्त्रियों को ड्रीलर व ब्लास्टर बनाया

श्रम विभाग द्वारा की गई जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया है कि टनल में मिस्त्रियों को ड्रीलर व ब्लास्टर बनाया गया है जबकि विस्फोटक एवं एक्सपलोसिव एक्ट 1884 के तहत विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल प्रशिक्षित कामगार ही कर सकते हैं।

यह हादसा प्रोजेक्ट प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रबंधन प्रोजेक्ट पूरा करने का इच्छुक नहीं है। पहले भी व्यवस्था को सुधारने के लिए समय-समय पर नोटिस दिए गए हैं मगर प्रबंधन द्वारा कोई भी सुधार नहीं किया गया है। प्रोजेक्ट प्रबंधन को 15 दिन तक पूरी तरह से कार्य बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

-अनुराग शर्मा,जिला श्रम अधिकारी चंबा

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प्रोजेक्ट प्रबंधन द्वारा कमियों को पूरा किया जा रहा है। जल्द ही कमियों को पूरा कर इसकी रिपोर्ट श्रम विभाग को सौंप दी जाएगी।

-संदीप महाजन, प्रोजेक्ट डायरेक्टर जेएसडब्ल्यू एनर्जी प्रोजेक्ट होली

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