chamba Water sources : जिला चंबा के प्राकृतिक जल स्त्रोत सेहत के लिए नुक्सानदायक तो नहीं। जल शक्ति विभाग इस बात का पता लगाने को पानी की टेस्टिंग(water testing) करेगा।
चंबा, ( विनोद ): गर्मी का मौसम आते ही पेयजल किल्लत पेश आती है। इस प्रकार की परेशानी से निजात पाने या फिर प्राकृतिक जल स्त्रोत का पानी पीने के शौकीन लोग प्राकृतिक जल स्रोतों का रुख करते है। जल शक्ति मंडल चंबा इस दिशा में प्रभावी कदम उठाएगा।
जल शक्ति मंडल चंबा के दायरे में वर्तमान में कई जल स्त्रोत आते हैं जिसमें मुख्य रूप से तत्वानी, बनियाग, आई.टी.आई. चंबा, निचली जुलाहकड़ी, शीतला मंदिर परिसर, माई का बाग, सुल्तानपुर, सरोल व मैहला प्रमुख है। यह पेयजल स्त्रोत क्षेत्र के लोगों के लिए प्राकृतिक पानी का मुख्य स्त्रोत है।
वर्षों से लोग इन पेयजल स्त्रोतों का इस्तेमाल करते हैं जिस वजह से इन प्राकृतिक चश्मों में कौन पीने योग्य है इस बात की जांच की जाएगी। जल शक्ति मंडल चंबा के अधिशासी अभियंता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इन पेयजल चश्मों की गुणवत्ता(quality) जांच आने वाले दिनों में की जाएगी।
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गौरतलब है कि जिला चंबा में कई ऐसे प्राकृतिक पेयजल चश्में मौजूद हैं जिनका पेयजल पीने योग्य नहीं है लेकिन वहां इससे संबंधित सूचना मौजूद नहीं होने की वजह से लोग इस बात से अंजाम है। यूं तो कुछ वर्ष पहले विभाग ने इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक चश्मे की जांच के बाद वहां नोटिस(notice) बोर्ड लगाया था लेकिन अब ये सूचना(Information) बोर्ड गायब हो चुके हैं।
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अधिशासी अभियंता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि यूं तो विभाग समय-समय पर इस प्रकार की जांच प्रक्रिया को अंजाम देता रहता है लेकिन सार्वजनिक सूचना बोर्ड नहीं होने व पानी की गुणवत्ता जांच के मद्देनजर इस कार्य को अंजाम देने की योजना पर जल शक्ति मंडल चंबा कार्य करने जा रहा है। गर्मियों का मौसम(summer season) देखते हुए इसे अंजाम दिया जाएगा।
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