HP government in crisis : हिमाचल की सुक्खू सरकार गिरने वाली है। सुक्खू का दिल बहुत छोटा तो वहीं विक्रमादित्य सिंह भी इस सरकार से परेशान है। यह बात निष्कासित कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कही।
चंबा, ( विनोद ): निष्कासित कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते है। समय-समय पर सुक्खू सरकार के खिलाफ अपनी शैली का राणा ने प्रमाण दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ 36 का आंकड़ा चल रहा है। राणा ने कहा कि हिमाचल सरकार(Himachal Government) सुक्खू के मित्रों की सरकार है।
विधायकों के काम नहीं हो रहें लेकिन सुक्खू के मित्रों के काम हो रहे है। इस वजह से विधायक खुद को जलील महसूस कर रहें है। राणा ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के कुछ और विधायक उनके संपर्क में है। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को भी आड़े हाथों लिया।
कांग्रेस पार्टी हाईकमान को सुक्खू को हटाने के लिए कई बार कहा गया लेकिन पार्टी हाईकमान के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। यही वजह है कि आज कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है। मुख्यमंत्री के निष्कासित 6 विधायकों को काला नाग बताने वाले ब्यान पर राणा ने कहा कि हिमाचल की जनता ही तय करेगी की कौन है काला नाग।
राजेंद्र राणा(Rajendra Rana) ने यह भी साफ किया कि बागी 6 विधायक किसी की सूरत में कांग्रेस में वापसी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान के सामने मुख्यमंत्री को बदलने की जो बात रखी गई थी उस पर कांग्रेस हाईकमान(congress high command) ने हामी नहीं भली। ऐसे में कांग्रेस में वापसी का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू(Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) को देश का सबसे झूठा व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार यह कह रहें है कि कांग्रेस के बागी फिर से पार्टी में लौटना चाहते है लेकिन मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। कोई भी बागी कांग्रेस में वापिस नहीं लौटना चाहता है और न ही किसी विधायक ने मुख्यमंत्री से ऐसी बात कही है। उन्होंने कहा कि इतना जरूर है कि सीएम अपनी कुर्सी को बचाने की खातिर झूठ का सहारा लेने का प्रयास कर रहे हैं।
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विधायकों के निष्कासन पर बोलते हुए राजेंद्र राणा ने कहा कि निष्कासित विधायक इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में चुनौती देंगे और उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और उनका यह मानना है कि उन्हें न्याय मिलेगा।इसके लिए सभी निष्कासित विधायक जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखजाएंगे।