How to get कानूनी सहायता, विधिक सेवा प्राधिकरण ने लोगों को बताया

विधिक सेवा प्राधिकरण चंबा ने जागरूकता शिविर आयोजित किया

चंबा, (विनोद): पैसे की कमी के चलते या अन्य किसी कारण से कोई भी पात्र या प्रभावित व्यक्ति कानूनी सहायता पाने से वंचित न रहें। इस बात को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सुनिश्चित बनाया जाता है। यही वजह है कि लोगों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंबा द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर लगाए जाते है।
How to get कानूनी सहायता, विधिक सेवा प्राधिकरण ने लोगों को बताया


जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जागरूकता शिविर में CJM चंबा जानकारी देते हुए।

            जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जागरूकता शिविर में CJM चंबा जानकारी देते हुए।
रविवार को भी इसी कार्यक्रम के तहत चंबा जिला मुख्यालय के बचत भवन में इस जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंबा (cjm) सचिन रघु ने बतौर मुख्यातिथि भाग लिया। उनके नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा वर्करों सहित कानून के जानकार मौजूद रहे।
कानूनी सहायता बारे बताते

              कानूनी सहायता बारे आंगनबाड़ी व आशा वर्कर जानकारी हासिल करती।

 आज के दौर में लोगों के बीच किसी भी प्रकार के जागरूकता संदेश को बेहद प्रभावी ढंग से पहुंचाने का सबसे प्रभावशाली माध्यम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा वर्करों वर्ग है। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक के कई जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता के बीच लोकप्रिय बनाने में इस वर्ग की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही। 
इस बात को देखते हुए ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंबा ने अपने लक्ष्य जन-जन तक विधिक एवं कानूनी सेवाएं की जानकारी को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने के लिए इस वर्ग को जागरूक करने का फैसला लिया। शिविर में मौजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा वर्करों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्य विधि के बारे में विस्तार से बताया। 
यही नहीं इस मौके पर उन्हें विभिन्न कानूनों के बारे में मुख्य अतिथि व कानून के जानकारों ने विस्तार से व बेहद सरल तरीके से जानकारी दी। आर्थिक दृष्टि से कमजोर व समाज के पिछड़े वर्गों के साथ-साथ महिलाओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुफ्त में कानूनी सहायता मुहैया कराए जाने बारे बताया। 
कानून के जानकारों ने बताया कि कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं कि महिलाओं को इंसाफ पाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसी जरूरतमंद महिलाओं की मदद के लिए आगे आता है। उन्होंने कहा कि मदद पाने के लिए सिर्फ संबन्धित महिला अथवा व्यक्ति को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ संपर्क करना है।
इस शिविर में इन वर्गों से यह आग्रह किया कि अगर उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला सामने आता है जिसमें उन्हें यह लगता है कि संबंधित व्यक्ति को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद मुहैया करवाई जाए तो वे उन्हें जिला मुख्यालय में मौजूद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय तक पहुंचाने में उसका मार्ग दर्शन करे। 
अधिकारी डॉ कर्ण, अधिवक्ता ओ.पी.भारद्वाज, हिमाक्षी गौतम, अरुण शर्मा सहित अन्य कानून के जानकारों ने इस शिविर में भाग लेते हुए विभिन्न कानूनों बारे में विस्तार से बताया। उपरोक्त कानूनी जानकारों का कहना था कि अक्सर कई बार लोग अपने अधिकारों के बारे में जानकारी न होने या फिर सही मार्ग दर्शन नहीं मिलने के चलते प्रभावित व्यक्ति अपने अधिकारों को पाने से वंचित रह जाते है। 
ऐसे में अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा वर्करों को ऐसे मामले को प्राधिकरण के पास पहुंचाने में मददगार बने। इससे न सिर्फ पात्र व्यक्ति या महिला को उसका हक बिना पैसा खर्च किए मिल सकता है बल्कि जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस प्राधिकरण का गठन किया गया है उसे पूरा करने में सफलता मिल सकती है।
जागरूकता शिविर में शामिल होने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा वर्करों का कहना था कि इसमें भाग लेकर उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई है। इससे पूर्व उन्हें इस प्रकार की जानकारी बेहद कम थी या फिर न के बराबर थी। उन्होंने कहा कि वे इस जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में और उसके क्रियाकलापों के बारे में लोगों को जागृत करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगी। 

ये वर्ग प्राप्त कर सकते हैं मुफ्त कानूनी सहायता

अनुसूचित जाति ,जनजाति ,पिछड़ा वर्ग ,महिलाएं व बच्चों के लिए आय सीमा  निर्धारित नहीं है। प्राधिकरण को सादे कागज पर एक प्रार्थना पत्र देकर मुफ्त में कानूनी सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। 

इस तरफ पा सकते हैं मुफ्त कानूनी सहायता-मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी

पात्र लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंबा ने बताया कि अब नालसा ऐप के माध्यम से भी प्राधिकरण से कानूनी सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। नालसा ऐप गूगल प्ले स्टोर (google play store) पर उपलब्ध है। मध्यस्थता के माध्यम से आपसी विवाद को हल करने के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इससे ना केवल समय एवं पैसों की बचत होती है अपितु आपसी  सद्भाव एवं भाईचारा भी कायम रहता है।
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