हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022: APMC चेयरमैन बनना शुभ रहा, 2012 से 2022 तक का कार्यकाल रहा

चंबा, (विनोद): जिला चंबा के दो नेताओं के लिए APMC चेयरमैन बनना हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में उनके राजनैतिक भविष्य के लिए शुभ रहा है। अपनी पार्टियों के चहेते होने के नाते ये दोनों अपनी सरकारों के कार्यकाल में जिला मार्केट कमेटी चंबा यानी एपीएमसी चंबा के चेयरमैन बनकर जिला में कृषि व बागवानी के क्षेत्र में कार्य करने का प्रयास कर चुके हैं।

 

जी हां हम बात कर रहे है चंबा सदर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे नीरज नैयर व डल्हौजी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर जीत हासिल करने में सफल रहे डी.एस.ठाकुर की। इन दोनों नेताओं को अपनी-अपनी सरकारों के कार्यकाल में एपीएमसी जिला मार्केट कमेटी चंबा अध्यक्ष पद पर कार्य करने का मौका मिला।
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2012 से 2017 तक प्रदेश की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में नीरज नैयर को एपीएमसी चंबा का अध्यक्ष बनने का मौका मिला। अपने इस कार्यकाल के दौरान नीरज नैयर ने जिला चंबा के किसानों-बागवानों की बेहतरी के लिए विशेष कदम उठाने का प्रयास किया। इस दिशा में उन्हें कुछ सफलता भी प्राप्त हुई, सत्ता परिवर्तन के साथ ही इस पद से नीरज नैयर की विदाई हुई तो प्रदेश की जयराम सरकार में डी.एस. ठाकुर की इस पद पर ताजपोशी हुई।

ठाकुर के इस कार्यकाल में भी जिला चंबा के किसानों-बागवानों को उम्मीद के अनुरूप तो कुछ प्राप्त नहीं हुआ लेकिन चुनाव 2022 की घोषणा से चंद हफते पहले ठाकुर ने अपने चुनाव क्षेत्र में जिला मार्केट कमेटी की मंडी खोल कर अपने क्षेत्र के किसानों-बागवानों को सौगात दी।

 

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इसके बाद विधानसभा चुनाव 2022 में ये दोनों उपरोक्त नेता अपने-अपने राजनीतिक दलों की तरफ से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे और दोनों ने अपने राजनीतिक जीवन की पहली जीत को अपने नाम करके हिमाचल विधानसभा में प्रवेश पाने में सफलता प्राप्त की।

 

यह पहला मौका रहा जब जिला चंबा की मार्केट कमेटी के माध्यम से जिला चंबा को 4 विधायक मिले है। निसंदेह ये दोनों नेता एपीएमसी चेयरमैन होने के बावजूद चाहते हुए भी किन्हीं कारणों से जिन कार्यों को अंजाम नहीं दे पाए अब इन दोनों के पास उन कार्यों को अंजाम देने का सुनहरा मौका। इसी के चलते जिला चंबा के किसानों व बागवानों को अपने इन दोनों पूर्व चैयरमेन से अब बेहद उम्मीदें बंधी है।

 

यह लाजमी भी है क्योंकि इन दोनों के पास  एपीएमसी चेयरमैन होने का अनुभव है यानी ये दोनों जिला चंबा के किसानों-बागवानों को पेश आने वाली परेशानियों को बखूबी जानते तथा समझते हैं। इनका कहना है कि कृषि व बागवानी के क्षेत्र में जिला चंबा हिमाचल के कई जिलों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ है।

 

इन दोनों की हिमाचल विधानसभा में मौजूद जिला चंबा के लिए वरदान साबित हो सकता है। देखना होगा कि एपीएमसी चंबा के ये दोनों पूर्व चेयरमैन जिला चंबा के किसानों-बागवानों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते है।