heart attack in himachal pradesh : 10 वर्षों में हिमाचल प्रदेश में हृदयाघात के मामले बढ़े और हिमाचल का युवा वर्ग इसकी जकड़ में आ रहा हैं। हिमाचल के हार्ट स्पेशलिस्ट ने यह खुलासा किया। lifestyle में आए बदलाव को इसके लिए जिम्मेदार बताया तो साथ ही नशे का प्रभाव भी कहा।
चंबा, ( विनोद ): igmc shimla में कार्डियो विभाग के सहायक प्रोफेसर गोल्डमेडलिस्ट डा. राजीव मरवाह ने यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि चिंता की बात है कि हिमाचल के युवा ह्दय रोग की जकड़ में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 वर्षे पहले जहां इक्का-दुक्का मामले सामने आते थे अब हर वर्ष सैकड़ों मामले सामने आ रहे है।
ह्दय रोग विशेषज्ञ ने इसके लिए पूरी तरह से लोगों की अपनी जीवन शैली में आए बदलाव को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि यह भी चिंता की बात है कि आज चंबा में खेलने के स्थान भी बेहद कम रह गए है। जिस कारण युवा खेल मैदान से दूर होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हृदय रोग बढ़ाने में कहीं न कहीं यह कारण भी जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि जिला चंबा की युवा पीढ़ी में हार्टअटैक जैसे मामले बढ़ रहे है।
डॉ मरवाह ने कहा कि फास्ट फूड, जंक फूड के साथ पैसा ज्यादा होने की वजह से आरामदायक जिंदगी भी लोगों को हृदय रोगी बना रही है। हार्ट विशेषज्ञ ने कहा कि चंबयाली धाम सबसे स्वादिष्ठ मानी जाती है लेकिन इसमें घी का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है और अफसोस की बात है कि कई लोग कई दिनों तक धाम खाने का शौक रखते है जो कि उनकी सेहत के लिए हरगिज ठीक नहीं है।
ये भी पढ़ें : जिला चंबा के युवाओं को नया तोहफा।
heart specialist ने कहा कि विशेषकर बुजुर्गों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुबह के समय हृदयाघात होने का सबसे अधिक खतरा रहता है तो साथ ही 30 वर्ष की आयु के बाद हृदय रोग होने की संभावनाएं बन जाती है इसलिए 30 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी भी हृदयाघात के समय रोगी को तुरंत नजदीक के अस्पताल पहुंचाएं न की सोशल मीडिया के उपचार में समय व्यर्थ करे। उसका चिकित्सा विज्ञान में कोई वजूद नहीं है।
ये भी पढ़ें : जिला चंबा में भालूओं का आतंक, एक महिला की जान गई।