Harsh Mahajan : हिमाचल की राजनीति में जीत का दूसरा नाम हर्ष महाजन है। हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव(Rajya Sabha elections) जीत कर हिमाचल की राजनीति में नया इतिहास रचा। चंबा का कोई भी व्यक्ति आज तक राज्यसभा सांसद(Rajya Sabha MP) नहीं बना था लेकिन हर्ष महाजन की जीत से नया रिकॉर्ड बना है।
चंबा, ( विनोद): हिमाचल के पहले राजस्व मंत्री देसराज महाजन के पुत्र हर्ष महाजन हिमाचल की राजनीति में ऐसा नाम है जिसके राजनैतिक वही खाते में जीत के अलावा दूसरा कोई शब्द दर्ज नहीं है। बीते विधानसभा चुनाव से चंद हफ्ते पहले ही कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले हर्ष महाजन ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर कांग्रेस का बड़ा झटका दिया था।
महाजन के राजनैतिक कद व लोकप्रियता को देख भाजपा ने विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक(star campaigner) के तौर पर पेश किया। हर्ष महाजन(Harsh Mahajan) ने जिला चंबा के पांचों विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार किया और उसी का परिणाम भरमौर(Bharmour) व डल्हौजी(Dalhousie) में कांग्रेस के दिग्गजों की हार में रूप में देखने को मिला।
हर्ष महाजन अब तक 3 बार हिमाचल विधानसभा चुनाव(Himachal Assembly Elections) चंबा विधानसभा क्षेत्र से लड़ चुके हैं और तीनों बार जीत दर्ज की। जिला चंबा में किसी भी पार्टी के नेता की पहली जीत की हैट्रिक(hat trick of victory) हर्ष महाजन के नाम दर्ज है। जीत भी ऐसी कि 10 हजार से कम कोई जीत ही नहीं। लगातार जीत दर्ज करने के बाद महाजन ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया जिससे पूरा हिमाचल हैरान(Himachal surprised) हो गया। यहां तक की वीरभद्र सिंह ने अपने चंबा दौरे के दौरान यह खुलासा किया था कि वह चाहते रहे कि हर्ष महाजन फिर से चुनाव मैदान में उतरे लेकिन र्ष महाजन ने कभी हामी नहीं भरी।
वीरभ्रद व धूमल सरकार में रहा प्रभाव
यह बात और है कि धूमल सरकार व वीरभद्र सरकार में हर्ष महाजन की पैठ किस कदर प्रभावशाली रही इस बात को पूरा हिमाचल जानता है। हिमाचल कांग्रेस की राजनीति का चाणक्य कहे जाने वाले हर्ष महाजन ने विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस से खुद को अलग कर भाजपा ज्वाइन की।
सत्ताधारी कांग्रेस को बड़ा झटका
महाजन की लोकप्रियता को भाजपा ने चुनाव में खूब भुनाया तो भाजपा की कोर कमेटी का सदस्य बनाया। हिमाचल की राज्यसभा सीट जो सत्ताधारी कांग्रेस की झोली में मानी जाती थी उस पर कब्जा करने के लिए भाजपा ने हर्ष महाजन को पार्टी प्रत्याशी बनाया। विधायकों की संख्या पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रही थी लेकिन हर्ष महाजन का राजनैतिक अनुभव और उसका मिलनसार व्यक्तित्व को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा था।
हिमाचल की राजनीति का चाणक्य कहा जाता
मंगलवार को हिमाचल में एक बड़ा उलट फेर कर हर्ष महाजन ने यह जता दिया कि उसे हिमाचल की राजनीति (politics of himachal) का चाणक्य क्यों कहा जाता है। असंभव से दिखने वाले काम को महाजन की जीत ने संभव कर हिमाचल में एक नया रिकॉर्ड(record) बनाया तो जिला चंबा से संबंध रखने वाला कोई पहला नेता राज्यसभा में हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेगा, यह रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज करवाया।
हर्ष महाजन की जीत के रिकॉर्ड
- चंबा हलके से कांग्रेस की टिकट पर पहला चुनाव भाजपा के स्व. किशोरी लाल वैद्य के खिलाफ लड़ा। 1993 के चुनावों में किशोरी लाल को 13585 मतों से हराया।
- दूसरा चुनाव 1998 भाजपा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष केके गुप्ता के खिलाफ लड़ा और 14411 रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की।
- तीसरा चुनाव 2003 में भाजपा के बीके चौहान(IAS) के खिलाफ लड़ा। इस चुनाव में हर्ष महाजन ने एक बार फिर जीत का नया रिकॉर्ड दर्ज कर 15 हजार से अधिक मतों से जीत की हैट्रिक अपने नाम की।