चंबा, ( विनोद ): नये डॉक्टरों का एनपीए बंद करने के निर्णय पर सरकार पीछे हटने को तैयार हो गई है। सरकार से मिले आश्वासन को देखते हुए डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल समयावधि को डेढ़ घंटा से कम कर 45 मिनट करने का फैसला लिया है। मंगलवार को सरकार व डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है।
सहायक प्रोफेसर संघ मेडिकल कॉलेज चंबा के जिलाध्यक्ष एवं हिमाचल डॉक्टर एक्शन कमेटी के सदस्य डॉ मानिक सहगल ने बुधवार को यह जानकारी दी। डॉक्टरों के इस निर्णय से हिमाचल सरकार के साथ-साथ प्रदेशवासियों ने राहत की सांस ली है।
बुधवार को मेडिकल कॉलेज चंबा ओपीडी परिसर के बाहर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों व प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अपनी मांग को लेकर गेट मीटिंग की। इस मीटिंग के माध्यम से सहायक प्रोफेसर संघ पंडित जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. मानिक ने ताजा स्थिति बारे बताया।
डॉ. मानिक ने बताया कि बीते कल शिमला में हिमाचल डॉक्टर एक्शन कमेटी का प्रतिनिधि मंडल मंत्री से मिला और NPA सहित डॉक्टरों से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर सकारात्मक माहौल में बैठक आयोजित हुई। डॉ सहगल ने बताया कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार डॉक्टरों की मांगों पर दोबारा से विचार करने को तैयार हो गई है।
3 जून को मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ डाॅक्टर एक्शन कमेटी की बैठक होना तय हुआ है। चूंकि एनपीए बंद करने का फैसला हिमाचल मंत्रिमंडल में लिया गया इसलिए सीएम हिमाचल ही इस पर अगला निर्णय लेंगे।
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डॉक्टरों ने सरकार के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए अपनी पेन डाउन हड़ताल को डेढ़ घंटा से कम कर 45 मिनट करने का फैसला लिया है। संगठन के फैसले को अमलीजामा पहनाते हुए अब मेडिकल कॉलेज चंबा में कार्यरत डॉक्टर व प्रशिक्षु चिकित्सक हर सुबह साढ़े 9 बजे से सवा 10 बजे तक पेन डाउन हड़ताल को अंजाम देंगे।
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डॉक्टरों की डेढ़ घंटे की हड़ताल की वजह से हर दिन डेढ़ घंटे तक ओपीडी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहती थी लेकिन एक्शन कमेटी के नये फैसले से अब यह सेवाएं महज 45 मिनट ही प्रभावित होगी। यह फैसला 3 जून तक लागू रहेगा। 3 जून को मुख्यमंत्री के साथ होने वाले बैठक पर ही डॉक्टरों की इस हड़ताल की आगामी दशा तय होगी।