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नशे के खिलाफ अलख जगाया, साइकिलिंग को हथियार बनाया

नशे के खिलाफ चंबा के इस युवक ने मुहिम छेड़ी 5 हजार किलोमीटर की दूरी तय की

चंबा, 8 सितंबर (विनोद): नशे की अंधेरी दुनिया की तरफ आज की युवा पीढ़ी आकर्षित हो रही है। इसके खिलाफ चंबा के एक युवक ने अपने तरीके से युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने व फिटनेस के प्रति आकर्षित करने का संदेश देने के लिए साइकिलिंग करते 1500 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निकला है।
यह पहला मौका है जब जिला चंबा का एक युवक समाज का संदेश देने के लिए निकला है। साहिल चौफला पुत्र उमेश चौफला निवासी चंबा अब तक इस जागरूकता संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिए 5000 हजार किलोमीटर की दूरी प्रदेश के विभिन्न ट्रैक के माध्यम से तय कर चुका है।
नशे के खिलाफ साइकलिंग पर निकले साहिल चौफला का चंबा पहुंचने  पर युवा उनका स्वागत करते हुए।
नशे के खिलाफ साइकलिंग पर निकले साहिल चौफला का चंबा पहुंचने पर युवा उनका स्वागत करते हुए।
साहिल चौफला ने बताया कि मंगलवार शाम को वह चंडीगढ़ से चंबा की दूरी तय करके चंबा पहुंचा तो यहां के युवाओं ने उसका जिस गर्मजोशी के साथ स्वागत किया उसने उसके उत्साह में वृद्धि करने का काम किया है। साहिल की माने तो 5 साल पूर्व उसने साइकिलिंग करना शुरू किया।
इसकी वजह यह थी कि साहसिक खेलों के प्रति उसका बचपन से विशेष लगाव रहा है लेकिन जब अपने इस शौक के साथ समाज को संदेश देने की बात जुड़ी तो फिर बस इस दिशा में ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया और यही वजह है कि महज 36 वर्ष की उम्र में अब तक 5000 किलोमीटर की दूरी सिर्फ साइकिल के माध्यम से तय कर चुके हैं।

 

साहिल का मानना है कि भारत पूरे विश्व में सबसे अधिक युवाओं वाला देश है लेकिन यह चिंता की बात है कि नशे के सौदागर यहां की युवा पीढ़ी को अपनी तरफ आकर्षित कर उन्हें नशे की गर्त में धकेलने का काम कर रहें है।
ऐसे में युवाओं को खेलों, साहसिक गतिविधियों के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में आगे आना चाहिए ताकि भारत की इस युवा शक्ति का देशहित में प्रयोग हो सके। साहिल का कहना है कि जिस तरह से कठिन ट्रैक को तय करने में बेहद परेशानियां पेश आती हैं उसी तरह से नशे से खुद को बचाने व उससे छुटकारा पाने के लिए भी बेहद परेशानियां पेश आती है।
साहिल का कहना है कि हौंसले बुलंद हो और मन में दृढ़ संकल्प हो तो कामयाबी मिलना तय है। इसलिए वह हमेशा कठिन से कठिन ट्रैक का चुनाव करता है ताकि युवाओं के बीच एक सकारात्मक संदेश जाए।
ये भी पढ़ें- दशनाम अखाड़ा से मणिमहेश के लिए निकली छड़ी।
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VINOD KUMAR

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नशे के खिलाफ अलख जगाया, साइकिलिंग को हथियार बनाया

Update Time : 06:51:55 pm, Wednesday, 8 September 2021

नशे के खिलाफ चंबा के इस युवक ने मुहिम छेड़ी 5 हजार किलोमीटर की दूरी तय की

चंबा, 8 सितंबर (विनोद): नशे की अंधेरी दुनिया की तरफ आज की युवा पीढ़ी आकर्षित हो रही है। इसके खिलाफ चंबा के एक युवक ने अपने तरीके से युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने व फिटनेस के प्रति आकर्षित करने का संदेश देने के लिए साइकिलिंग करते 1500 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निकला है।
यह पहला मौका है जब जिला चंबा का एक युवक समाज का संदेश देने के लिए निकला है। साहिल चौफला पुत्र उमेश चौफला निवासी चंबा अब तक इस जागरूकता संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिए 5000 हजार किलोमीटर की दूरी प्रदेश के विभिन्न ट्रैक के माध्यम से तय कर चुका है।
नशे के खिलाफ साइकलिंग पर निकले साहिल चौफला का चंबा पहुंचने  पर युवा उनका स्वागत करते हुए।
नशे के खिलाफ साइकलिंग पर निकले साहिल चौफला का चंबा पहुंचने पर युवा उनका स्वागत करते हुए।
साहिल चौफला ने बताया कि मंगलवार शाम को वह चंडीगढ़ से चंबा की दूरी तय करके चंबा पहुंचा तो यहां के युवाओं ने उसका जिस गर्मजोशी के साथ स्वागत किया उसने उसके उत्साह में वृद्धि करने का काम किया है। साहिल की माने तो 5 साल पूर्व उसने साइकिलिंग करना शुरू किया।
इसकी वजह यह थी कि साहसिक खेलों के प्रति उसका बचपन से विशेष लगाव रहा है लेकिन जब अपने इस शौक के साथ समाज को संदेश देने की बात जुड़ी तो फिर बस इस दिशा में ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया और यही वजह है कि महज 36 वर्ष की उम्र में अब तक 5000 किलोमीटर की दूरी सिर्फ साइकिल के माध्यम से तय कर चुके हैं।

 

साहिल का मानना है कि भारत पूरे विश्व में सबसे अधिक युवाओं वाला देश है लेकिन यह चिंता की बात है कि नशे के सौदागर यहां की युवा पीढ़ी को अपनी तरफ आकर्षित कर उन्हें नशे की गर्त में धकेलने का काम कर रहें है।
ऐसे में युवाओं को खेलों, साहसिक गतिविधियों के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में आगे आना चाहिए ताकि भारत की इस युवा शक्ति का देशहित में प्रयोग हो सके। साहिल का कहना है कि जिस तरह से कठिन ट्रैक को तय करने में बेहद परेशानियां पेश आती हैं उसी तरह से नशे से खुद को बचाने व उससे छुटकारा पाने के लिए भी बेहद परेशानियां पेश आती है।
साहिल का कहना है कि हौंसले बुलंद हो और मन में दृढ़ संकल्प हो तो कामयाबी मिलना तय है। इसलिए वह हमेशा कठिन से कठिन ट्रैक का चुनाव करता है ताकि युवाओं के बीच एक सकारात्मक संदेश जाए।
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