chasak road fitness test successful : हिमाचल की पांगी घाटी के चसक गांव में HRTC की बस सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी है। समुद्र तल से 9 हजार फुट ऊंचाई वाले इस गांव में रहने वालों की वर्षों पुरानी उम्मीद पूरा होने की आस जगी है।
चंबा, ( विनोद ): हिमाचल की पांगी घाटी का अति दुर्गम गांव चसक HRTC बस सेवा से जुड़ने जा रहा है। इसकी उम्मीद उस वक्त पूरी होती नजर आई जब एचआरटीसी बस सेवा का परीक्षण सफल रहा । हिमाचल की जनजातीय घाटी के इस गांव में रहने वाले लोग इस बात को लेकर बेहद प्रसन्न है।
हो भी क्यों न इसके लिए उन्होंने वर्षों को इंतजार जो किया है। आज का दौर भले डिजिटल(digital) या जेट एयरवेज का युग कहा जाए लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि आज भी देश के आकांक्षी जिलों की सूची(List of Aspirational Districts) में शामिल हिमाचल का एकलौता जिला चंबा के कई गांव आज तक बस सुविधा को तरस रहे हैं।
इस सूची में समुद्र तल से 9 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित जिला चंबा की पांगी घाटी(Pangi Valley) का गांव चसक भी शामिल है। चसक गांव में रहने वालों पांगी घाटी मुख्यालय किलाड़ तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता था वजह इस गांव के लिए सड़क का न होना था। अब चूंकि सड़क सुविधा के साथ यह गांव जुड़ चुका है तो ऐसे में बस सुविधा से जोड़ने की मांग उठ रही थी।
जनता की मांग को देख लोनिवि मंडल पांगी ने पांगी प्रशासन(Pangi Administration) व एचआरटीसी प्रबंधन व पुलिस विभाग से बस पासिंग के लिए road fitness प्रक्रिया को पूरा करवाने को पत्राचार किया। परिणामस्वरूप एचआरटीसी की बस पासिंग प्रक्रिया सफल रही। यह बस पासिंग प्रक्रिया पूरी होने से जल्द चरस गांव एचआरटीसी बस सेवा के साथ जुड़ेगा, ऐसी उम्मीद लोगों में जगी है।
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चसक गांव की यह विशेषता
घाटी की चसक भटोरी(chasak bhatori) घाटी की बात करें तो यह घाटी लाल आलू ( Red Potato) और अनगिनत प्राकृतिक उत्पादों के लिए अपनी विशेष पहचान रखती है। हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति(Lahaul-Spiti) के गांव उदयपुर में स्थित माता मृकुला माता जी का मूल स्थान इसी चसक गांव में स्थित है जिसकी बड़ी मान्यता है। ऐसे में चसक धार्मिक पर्यटन(religious tourism) के साथ लाल आलू व अनगिनत प्राकृतिक उत्पादों के दम पर नई पहचान के साथ समृद्धि की राह पर तेजी के साथ दौड़ने का मादा रखता है।