World Heritage Day in Chamba : जिला चंबा में विश्व हेरिटेज दिवस मनाया गया। एचटूओ हाउस में नॉट ऑन मैप संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जर्मनी से आए विदेशी मेहमान भी शामिल रहे और आयोजित संगोष्ठी का आनंद उठाया।
चंबा, ( विनोद ): वर्ल्ड हेरिटेज डे के मौके पर जिला चंबा के चमीनू में स्थित एचटूओ हाउस में कई कार्यक्रम आयोजित किए। विश्व विरासत दिवस(world heritage day) पर नाट आन मैप संस्था की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें चलो चंबा अभियान व जिला की संस्कृति के प्रचार व प्रसार के लिए प्रण लिया गया।
शर्मा ने कहा कि चलो चंबा(Challo Chamba ) अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जर्मनी से आए स्वयंसेवी थामस लिनस हिगो रिचर्ड ने इस अभियान को शानदार बताया। उन्होंने जिला चंबा की खूबसूरत वादियों(beautiful valleys) सहित यहां की संस्कृति की जमकर तारीफ की। मनुज शर्मा ने कहा कि चंबा की विरासत के संरक्षण व प्रचार के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। हाल ही में चलो चंबा अभियान को लेकर शिमला(shimla), जलोड़ी, जीवी, कुल्लू-मनाली(Kullu Manali), लाहौल-स्पीति(Lahaul-Spiti), मंडी(Mandi), बीड़-बिलिंग(beed-biling), धर्मशाला(dharmashala) में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
जिला चंबा की यह विशेषताएं : शर्मा
इनके माध्यम से प्रदेश के लोगों को चंबा से जोड़ने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला चंबा का न केवल पर्यटन की दृष्टि से महत्व है। बल्कि, यह जिला अपनी सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को भी संजोये हुए है। चंबा की संस्कृति, यहां के लोगों का रहन-सहन, खान-पान अपने-आप में काफी महत्वपूर्ण है। चंबा एक ऐतिहासिक(historical) शहर है। यहां के मेले(fairs) व त्योहार भी ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि चलो चंबा(chalo chamba) अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने व जिला चंबा की ओर अधिक से अधिक पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी के दौरान कलाकार व युवाओं ने भाग लेते हुए अपने विचार रखे।
इस दौरान चंबा की संस्कृति पर चर्चा हुई। इस दौरान पहाड़ी पेंटिंग के कलाकारों ज्योति नाथ व निशांत राणा ने बताया कि हमारी संस्कृति बहुत समृद्ध है। इसको बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जाएगा। वहीं, आर्ट ऑफ लिविंग(art of Living) की ओर से रतन चंद व तिलक ने बताया कि वे जनजातीय(tribal) क्षेत्र भरमौर के रहने वाले हैं। भरमौर सहित समस्त जिला चंबा की संस्कृति(Culture) के लोग मुरीद है। इसके संरक्षण(conservation) व बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य किया जाएगा।
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कब मनाया जाता है वर्ल्ड हेरिटेज डे
इस वर्ष विश्व विरासत दिवस की थीम डिस्कवर एंड एक्सपीरियंस डायवर्सिटी(Discover and Experience Diversity) रही। नाट आन मैप(not on map) संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा ने बताया कि हर साल 18 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व विरासत दिवस का मकसद दुनियाभर में मौजूद विरासत स्थलों के बारे में लोगों को बताना और उनके संरक्षण के प्रति उन्हें जागरूक करना है। वर्ष 1982 में इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। वर्ष 1983 में इसे मनाने की आधिकारिक मान्यता मिली थी।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर आर्ट ऑफ लिविंग(art of Living) की ओर से रतन चंद व तिलक के अलावा विजय, विकास, अनू, तनू, नवू, बंटू, निशांत राणा, ज्योति नाथ, मीनाक्षी ठाकुर तथा अक्षय राणा सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।